बालासन करने का तरीका और फायदे |Balasana Steps & Benefits In Hindi

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बालासन (Balasana Yoga in Hindi) –

बालासन संस्कृत के दो शब्द: बाल और आसन से मिलकर बना है जिसमें बाल का अर्थ बच्चा होता है जबकि आसन का अर्थ बैठना होता है। बालासन जिसे अंग्रेजी में चाइल्ड पोज(Child Pose) कहते हैं। यह एक बेहतरीन आसान है जिसे हर उम्र के लोग आसानी से कर सकते हैं। (balasana in hindi)
बालासन आराम करने वाली मुद्रा है रोज इसके अभ्यास से थकान और तनाव दूर हो जाता है और शरीर को आराम मिलता है।
इस आर्टिकल में हमने बालासन करने का तरीका उसके फायदे और बरतने वाली सावधानियों के बारे में बताया है साथ ही साथ बालासन करते हुए एक वीडियो भी साझा किया गया है जिसे देखना ना भूलें।

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बालासन के फायदे (Balasana Benefits in Hindi)-

बालासन करने के बहुत से फायदे(Balasan Ke Fayde) हैं। यह शरीर को परम शांति प्रदान करने वाला आसन है। बालासन को शिशु आसन के नाम से भी जानते हैं, आइए बालासन के फायदे को विस्तार से जानते हैं।
  • शांति और उर्जा प्रदान करने वाला
    बालासन का रोज अभ्यास करने से शरीर की खोई ऊर्जा वापस लौट आती है और शांति का अनुभव होता है जिसे शरीर को आराम और ताजगी मिलती है। जब कभी भी वर्कआउट करने के बाद थकान महसूस हो तो थोड़ी देर बालासन का अभ्यास जरूर करें इससे काफी लाभ मिलेगा। (Balasana Benefits in Hindi)
  • सकारात्मक विचार
    बालासन के रोज अभ्यास से मन में सकारात्मक विचारों का संचार होता है। इसके अलावा मन के किसी कोने में पड़े हुए नकारात्मक विचारों का नाश भी होता है।
  • कमर और पीठ दर्द में
    इस आसन के अभ्यास से रीड की हड्डी और शरीर की मांसपेशियों को राहत मिलता है जिससे कमर दर्द और पीठ दर्द मे काफी राहत मिलती है।
  • पेट के अंदरूनी अंगों के लिए
    बालासन के अभ्यास से पेट के अंदरूनी अंगों की अच्छे से मालिश होती है और वह सुचारू रूप से कार्य करने लगते हैं। जिसकी वजह से पेट की विभिन्न समस्याओं से राहत मिलती है और साथ ही साथ पेट में बन रही गैस की समस्या से निजात मिल जाती है।
  • सुंदर त्वचा के लिए
    इसके अभ्यास से चेहरे की तरफ रक्त का संचार बढ़ता है जिससे चेहरे पर ग्लो आता है और चेहरे की समस्याएं जैसे कील, मुंहासे और झुर्रियां आदि से निजात मिलती है।
  • अनिद्रा मे
    जिस किसी व्यक्ति को अनिद्रा यानी नींद ना आने की समस्या हो तो उनको बालासन का अभ्यास जरूर करना चाहिए। रोज अभ्यास करने से शरीर को आराम मिलेगा और अच्छी नींद आएगी।

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Balasana Benefits in Hindi
Balasana – Child Pose

बालासन करने का सही तरीका (Balasana Karne ka Tarika)-

बालासन करने का सही तरीका या विधि इस प्रकार है (Balasana Yoga in Hindi)…
  • बालासन करने के लिए सबसे पहले खुले वातावरण में योगा मैट बिछाकर घुटनों के बल बैठ जाए।
  • इसके बाद दोनों टखनों और एड़ियों को आपस में सटाकर रखें।
  • धीरे-धीरे जितना हो सके घुटनों और जांघों के बीच थोड़ा गैप बना ले।
  • गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं और फिर आगे की तरफ झुके।
  • पेट को दोनों जांघों के बीच ले जाएं और सांस छोड़ते चलें।
  • इस स्थिति में कूल्हे को सिकोड़ते हुए नाभि की तरफ खींचने की कोशिश करें।
  • हाथ कान से सटे हुए सिर के सीधे होने चाहिए। यानी दोनों हाथ घुटने के sidh में होने चाहिए
  • ऐसी स्थिति में 30 से 40 सेकंड तक बने रहें।
  • इसके बाद सांस भरते हुए हाथों को ऊपर उठाते बैठ जाए और सांस छोड़ते हुए हाथों को वापस जहां पर रख ले।
  • यह स्थिति बिल्कुल वज्रासन की है।
  • इस क्रिया को 4 से 5 बार दोहराएं।
    नोट:- हाथों को सिर के सामने रखने के अलावा पीछे भी पैर के अंगुलियों के पास रख सकते हैं।

बालासन से पहले करने वाले आसन

बालासन एक बेहद आराम करने वाली मुद्रा है इसे किसी भी आसन के बाद कर सकते हैं।

बालासन के बाद करने वाले आसन

शीर्षासन
शवासन

बालासन करते वक्त ध्यान देने वाली बातें

  • चुकी हर आसन सुबह के वक्त किया जाता है तो बालासन को भी सुबह में ही किया जाना चाहिए और अगर किसी वजह शाम को करना पड़े तो बस इतना ध्यान रखना है कि आपने 4 से 5 घंटे पहले भोजन कर लिया हो।
  • बालासन शुरू करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपने शौच कर लिया हो और आपका पेट बिल्कुल खाली हो।

बालासन करते समय सावधानियां – Balasana Karte Samay Savdhaniya

  • घुटने में बैठने पर अगर पैरों में दर्द होता है तो पैर के नीचे तकिया लगा सकते हैं।
  • भोजन के तुरंत बाद बालासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
  • गर्भवती महिलाओं को भी इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
  • घुटने में गंभीर चोट या डायरिया से पीड़ित हैं तो बालासन का अभ्यास बिल्कुल ना करें।
  • हाई ब्लड प्रेशर के मरीज को भी बालासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
  • पेट दर्द, उल्टी और पेट में अल्सर जैसी समस्या में भी अभ्यास ना करें।
  • रीड की हड्डी में चोट और गंभीर कमर दर्द में इस आसन का अभ्यास किसी योग चिकित्सक की देखरेख में ही करें।

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बालासन अभ्यास कब और कितनी देर तक करना चाहिएBalasana ka Abhyas kab karen

  • बालासन का अभ्यास करने का सबसे उत्तम समय सुबह का होता है भोजन के तुरंत बाद इसका अभ्यास कभी नहीं करना चाहिए। यदि किसी कारणवश शाम को अभ्यास करना हो तो यह सुनिश्चित कर लें कि आपने भोजन 4 से 5 घंटे पहले कर लिया हो।
  • चुकी बालासन एक सरल आसान है फिर भी इसका अभ्यास अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार ही करें। समानता 30 सेकंड से लेकर 2 मिनट तक इस मुद्रा में रहा जा सकता है इसके बाद आप अपनी छमता के अनुसार समय को बढ़ा सकते हैं।

बालासन अभ्यास वीडियो – Balasana Video Steps In Hindi

Balasana yoga in hindi

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