भस्त्रिका प्राणायाम क्या है – Bhastrika Pranayama In Hindi
प्राणायामों में यह एक मुख्य प्राणायाम है भस्त्रिका का अर्थ है ‘धौकनी’। जिस प्रकार एक लोहार गर्मी उत्पन्न करने के लिए धौकनी के सहारे तेज हवा कर लोहे को तपाता है। ताकि उसकी अशुद्धियां दूर हो जाएं। ठीक उसी प्रकार भस्त्रिका प्राणायाम भी मन को साफ करके प्राणिक बाधाओं को दूर करता है। अंग्रेजी में इस प्राणायाम को Bellows Breath Technique कहा जाता है।
इस प्राणायाम के अभ्यास में हम प्राणवायु को अधिक मात्रा में भरते हैं। तथा शरीर की दूषित वायु कार्बन डाइऑक्साइड को तेजी से बाहर छोड़ते हैं। जिससे रक्त शुद्ध हो जाता है और रक्त का प्रवाह तेज हो जाता है। यदि संक्षेप में कहें तो स्वास-प्रस्वास की क्रिया को जल्दी-जल्दी करना ही भस्त्रिका प्राणायाम कहलाता है।
इस लेख में भस्त्रिका प्राणायाम करने के तरीके, लाभ और सावधानियों के बारे में बताया गया है जिसे ध्यानपूर्वक पढ़ें..
भस्त्रिका प्राणायाम करने का तरीका – Bhastrika Pranayama Karne Ka Tarika
- किसी भी शांत व हवादार वातावरण में बैठ जाए। पद्मासन, अर्ध पद्मासन या वज्रासन जिसमें आपको सुविधा लगे बैठ जाए।
- अब अपने हाथों को ज्ञान मुद्रा में रखते हुए पीठ कमर वह गर्दन को सीधा रखें।
- भस्त्रिका प्राणायाम करते वक्त अपना मुंह बिल्कुल ना खोलें।
- अब अपने दोनों नासिका से थोड़ा तीव्र गति से श्वास को अंदर भरे। इसके बाद तीव्र गति से श्वास को बाहर भी छोड़ दें।
- स्वास-प्रस्वास की क्रिया भस्त्रिका प्राणायाम में अनुलोम विलोम से थोड़ा तीव्र गति से होती है।
- सांस लेने और छोड़ने में लय टूटना नहीं चाहिए और हवा को फेफड़ों में भरना है।
- इस प्रक्रिया को आप अपनी क्षमता के अनुसार पहले 5 से 10 बार करें इसके बाद इस इसको बढ़ा सकते हैं।

भस्त्रिका प्राणायाम के फायदे – Bhastrika Pranayama Ke Fayde
- इसके अभ्यास से फेफड़ों में हवा भरती है जिससे रक्त शुद्ध हो जाता है।
- शरीर के सभी विषाक्त पदार्थ जैसे वात, पित्त, कफ दूर हो जाते हैं।
- प्राण वायु अधिक मात्रा में मिलने पर शरीर के सभी अंगों की कार्यक्षमता बढ़ जाती है।
- इस प्राणायाम के अभ्यास से मोटापा दूर हो जाता है।
- जठराग्नि प्रदीप्त होती है और भूख खुलकर लगती है।
- दमा, टीवी और सांसो के रोग दूर होते हैं।
- शरीर की पाचन शक्ति मजबूत करने में कारगर है।
- यह गले के सूजन और कफ को दूर करता है।
- पेट के सारे अंदरूनी अंग मजबूत बनते हैं।
भस्त्रिका प्राणायाम करते समय सावधानी – Bhastrika Pranayama Karte Samay Savdhani
- हाई बीपी और हृदय रोग से पीड़ित व्यक्ति अभ्यास ना करें।
- अगर नाक बंद है या किसी भी प्रकार की समस्या है तो अभ्यास ना करें।
- हर्निया, अल्सर, मिर्गी स्ट्रोक व गर्भवती महिलाओं के लिए यह प्राणायाम वर्जित है।
- पेट में किसी भी प्रकार की समस्या या सर्जरी हुई हो तो इसका अभ्यास करने से बचें।
- शरीर में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर योग चिकित्सक के परामर्श के बाद भस्त्रिका प्राणायाम शुरू करें।