[भुजंगासन करने का तरीका, फायदे और सावधानी – Bhujangasana (Cobra Pose), Steps, Benefits and Precautions in Hindi]
भुजंगासन(Cobra Pose) के नियमित अभ्यास हमें बहुत फायदे होते हैं। इसलिए इस आर्टिकल में मैं आपको भुजंगासन से जुड़ी हर चीज, भुजंगासन करने का तरीका, फायदे और बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताऊंगा। और हां आर्टिकल के अंत में भुजंगासन से संबंधित एक वीडियो भी साझा किया गया है जिसे देखना ना भूलें।
भुजंगासन क्या है – What is Bhujangasana in Hindi ?
भुजंगासन (Bhujangasana) का नाम भुजंग शब्द पर रखा गया है। भुजंगासन में ‘भुजंग’ का अर्थ होता है ‘सांप’ और ‘आसन’ का अर्थ होता है ‘योग मुद्रा’। इसे हम सर्पासन के नाम से भी जानते हैं।
भुजंगासन को अंग्रेजी में इसे कोबरा पोज(Cobra Pose) कहते हैं। यह आसन शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी होता है।
इसमें शरीर के अगले भाग को कोबरा के फन की तरह उठाया जाता है इसलिए इसे भुजंगासन कहते हैं।
भुजंगासन, सूर्य नमस्कार के 12 आसनों में से 8वां आसन होता है।
भुजंगासन करने का तरीका – Bhujangasana Steps In Hindi
- सबसे पहले स्वच्छ और हवादार स्थान पर योगा मैट बिछाकर पेट के बल लेट जाएं।
- अपने दोनों हथेलियों को जांघ के पास जमीन की तरफ करके रखें। पैर के तलवे आकाश की तरफ खुले हो।
- इसके बाद दोनों हाथों को छाती के पास ले आइए और हथेलियों को फर्श की तरफ करें।
- अब अपने शरीर का वजन अपने हथेलियों पर डालते हुए अपने सिर को ऊपर उठाएं।
- आपको नाभी के बराबर हिस्से तक पूरे शरीर को ऊपर उठा कर रखना है। ध्यान रहे पैर के तलवे आपस में सटे हो।
- शरीर को ऊपर उठाने की क्रिया सांस को अंदर खींचते हुए करना है। इस वक्त आप की कोहनी मुड़ी हुई रहनी चाहिए।
- इस क्रिया में सिर को पीछे की तरफ खींचना है और छाती को आगे की तरफ निकालना है।
- इस पोजीशन में रहकर आकाश की ओर देखने की कोशिश करें और कुछ देर ठहरे। इस क्रिया में आप की स्थिति बिल्कुल सांप के फन की तरह दिखाई देगी।
- इस स्थिति में अपने शरीर का भार दोनों हाथों पर बनाए रखें और सामान्य रूप से सांस लेते रहे।
- अब धीरे-धीरे सांस को छोड़ते हुए अपनी प्रारंभिक अवस्था में आ जाए।
- आप अपनी क्षमता अनुसार इस क्रिया को पांच से छह चक्र कर सकते हैं।

भुजंगासन के फायदे – Bhujangasana Benefits in Hindi
इससे होने वाले लाभ निम्नलिखित है-
साइटिका में फायदेमंद:- साइटिका वह बीमारी है जिसमें तंत्रिका तंत्र जो रीढ़ के पीछे होती है और पैरों तक जाती है, उसमें बहुत तेज दर्द होता है। भुजंग आसन के नियमित अभ्यास से साइटिका में काफी मदद मिलती है क्योंकि रीढ़ की हड्डी लचीली बनने लगती है।
मधुमेह में राहत:- भुजंगासन के अभ्यास से पैंक्रियाज सक्रिय हो जाते हैं और सही मात्रा में इंसुलिन बनने लगती है जिससे मधुमेह में बहुत राहत मिलती है।
पेट की चर्बी कम करने में:- यह सब पेट की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा करता है जिससे बड़े हुए पेट को कम करने में काफी मदद मिलती है। यह महिलाओं के मोटापे को भी कम करने में मददगार साबित होता है।
पाचन में फायदेमंद:- भुजंगासन योग करने वाले व्यक्ति का पाचन हमेशा दुरुस्त रहता है उन्हें कभी कब्ज, एसिडिटी की समस्या नहीं होती। सुबह मल त्याग करने में परेशानी नहीं होती है जिससे पेट साफ रहता है।
फेफड़े मजबूत बनते हैं:- फेफड़े में सांस भरकर शरीर को ऊपर उठाने से फेफड़े मजबूत बनते हैं। फेफड़े से जुड़ी किसी भी समस्या में यह राहत पहुंचाता है।
तनाव दूर करें:- यह आसन तनाव को कम करने वाले एड्रिनल ग्रंथि को प्रभावित करता है जिससे उसके श्राव में मदद मिलती है। तनाव, चिंता, डिप्रेशन को कम करने में यह आसन बहुत लाभदायक होता है। मानसिक स्थिरता को बढ़ाता है और तनाव को दूर करता है।
किडनी में फायदेमंद:- भुजंग आसन के नियमित अभ्यास से शरीर में खून का ठहराव होता है जिसे किडनी की कार्य क्षमता बढ़ जाती है और फेफड़े को भी ठीक रखता है।
हड्डियों को मज़बूत और लचीला बनाता है:- भुजंगासन के अभ्यास का सबसे ज्यादा प्रभाव रीढ़ की हड्डी पर ही पड़ता है। जिससे रीड की हड्डी मजबूत और लचीली बनती है। इसके अलावा छाती, कंधे, भुजाओं और पेट की मांसपेशियों को भी फायदा मिलता है।
थायराइड में फायदेमंद:- इसके अभ्यास से थायराइड और पैरा थायराइड ग्रंथि सक्रिय होते हैं।
महावारी में फायदेमंद:- भुजंगासन का अभ्यास महिलाओं को काफी राहत पहुंचाता है। यह महिलाओं के मासिक धर्म मे बहुत राहत देता है।
और भी पढ़े – शीर्षासन करने का बेहतरीन तरीका
भुजंगासन करने में क्या सावधानी बरतें – Bhujangasana precautions in Hindi
- सबसे पहले भुजंग आसन का अभ्यास आपको सुबह में खाली पेट करना चाहिए।
- कमर और पीठ में किसी भी प्रकार का दर्द होने पर इसका अभ्यास न करें।
- जिनको कार्पल टनल सिंड्रोम, जिसमें हाथ में दर्द, सुन्न पड़ जाना, झुनझुनी होना होता है उन्हें इसके अभ्यास से बचना चाहिए।
- अगर आपको सिर दर्द हो रहा है तो भुजंगासन(Bhujangasana yoga) का अभ्यास ना करें।
- गर्भावस्था में इसका अभ्यास न करें।
- इस आसन को करते समय यह ध्यान रखें कि आपके पेट में किसी भी तरह की दर्द या चिंता न हो।
भुजंगासन(Bhujangasana) से पहले करने वाले आसन
बालासन, गरुड़ासन, मर्जरी आसन
भुजंगासन(Bhujangasana) के बाद करने वाले आसन
सेतुबंध आसन, ऊर्ध्वमुख श्वासनासन
और भी पढ़े – धनुरासन करने का सही तरीका
भुजंगासन का वीडियो-Bhujangasana video in Hindi
Note- दोस्तों मैं आशा करता हूं कि इस लेख को पढ़ने के बाद आप भुजंगासन करने के तरीके और फायदे को भली-भांति समझ गए होंगे। मैं आपको सलाह देना चाहूंगा कि इस आसन का अभ्यास करते वक्त शरीर के साथ जोर जबरदस्ती ना करें। इस लेख में बताइए सावधानियों को ध्यान पूर्वक पढ़ ले।
मैं आपको बता दूं कि भुजंगासन (Bhujangasana yoga) लेख में बताई गई किसी भी जानकारी का प्रयोग बीमारी का पूर्ण इलाज के लिए नहीं करना चाहिए हां यह इसके प्रभाव और लक्षणों को कम करने में भूमिका जरूर निभा सकता है। पूर्ण उपचार के लिए आपको चिकित्सक का परामर्श लेना जरूरी है।
इस लेख से जुड़े किसी भी सलाह या सुझाव के लिए हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं।