कोरोना संक्रमण की लहर में रोगियों को सबसे ज्यादा समस्या ऑक्सीजन की हो रही है। जानिए क्यों है यह इतनी जरूरी और कैसे कर सकते हैं आप इसकी कमी पूरी। इस लेख को ध्यान पूर्वक पढ़े क्यूकी इसमें Body me Oxygen Level Kaise Badhaye इसके बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है। और इस लेख के अंत में इससे रिलेटेड एक वीडियो भी साझा किया गया है जिसे देखना न भूले।
व्यक्ति के जीवन में ऑक्सीजन का बहुत महत्व है । हमारे जीवन की शुरुआत होती है – हमारी पहली सांस और जीवन का अंत है – अंतिम सांसे और यह अक्सीजन की ही बदौलत है।
कैसे बढ़ाएं अपना ऑक्सीजन लेवल | Body me Oxygen Level Kaise Badhaye
हम प्रतिदिन 350 लीटर ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं। हमें अगर 3 मिनट तक ऑक्सीजन ना मिले तो हमारी मृत्यु हो सकती है। कोरोना संक्रमण की इस दूसरी लहर में सबसे ज्यादा समस्या अक्सीजन की ही हो रही है। कोरोना के गंभीर संक्रमण में फेफड़े के अंदर निमोनिया हो जाता है तथा एक्यूट रेस्पिरेट्री सिस्टम सिंड्रोम भी हो जाता है। इन दोनों परिस्थितियों में रोगी की ऑक्सीजन काफी कम हो जाती है और रोगी की सांस फूलने लगती है।
जरूरी है पल्स ऑक्सीमीटर – Pulse Oximeter Reading in Hindi
इसे उंगली पर लगाकर हम शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा का पता लगा सकते हैं। पल्स ऑक्सीमीटर एक छोटे से डिवाइस का नाम है जो खून में ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल और ऑक्सीजन लेवल(Oxygen Level) की जानकारी देता है। डिवाइस में लगा सेंसर खून में ऑक्सीजन के जरा से बदलाव को भी डिजिटल स्क्रीन पर दिखा देता है।
पल्स ऑक्सीमीटर से जुडी हर बात – Pulse Oximeter Uses in Hindi
पल्स ऑक्सीमीटर से अपने घर में अलग-अलग लोगों का ऑक्सीजन का स्तर चेक कर सकते हैं। बुजुर्ग लोग सांस संबंधी बीमारी से पीड़ित जिन लोगों को खराटे आते हैं ऐसे लोगों में सामान्य अवस्था में भी अक्सीजन का स्तर 95 से कम होता है इसलिए वे ना घबराए। कोरोना संक्रमण के तनाव के कारण भी अक्सीजन का स्तर कम हो सकता है। इसलिए 45 सेकंड तक पल्स ऑक्सीमीटर(Pulse Oximeter) लगाकर रखें इस दौरान कई बार रीडिंग(Pulse Oximeter Reading) बदलेगी इससे पता चल जाएगा कि ऑक्सीजन का स्तर कम तो नहीं हो रहा है।
एक अंगुली में रीडिंग कम आ रही है तो अन्य उंगली और अंगूठे में ऑक्सीजन का स्तर चेक करें। दूसरे हाथ की उंगली में भी चेक कर लें। ब्लड प्रेशर भी चेक कर ले। 1 घंटे बाद दोबारा चेक करें, यह लगातार कम है तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाने के लिए यह करें –
- पेट के बल लेट जाएं और ब्रिथिंग एक्सरसाइज(Breathing Exercise) करें।
- मोटे लोग करवट से सोए ।
- भाप लें, इसे ना की रुकावट दूर हो जाएगी।
- वेंटिलेशन वाले कमरे में रहे।
यह भी रखें ध्यान-
- ऑक्सीजन का सामान्य स्तर 95 से अधिक होना चाहिए।
- ऑक्सीजन का स्तर 92 से नीचे पहुंचने लगे, तो चिकित्सक से संपर्क करें।
- कोरोना संक्रमित गंभीर रोगी हर घंटे पर ऑक्सीजन के स्तर की जांच करते रहे।
- मामूली लक्षण वाले कोरोना संक्रमित मरीज 2 से 3 घंटे के अंतराल पर ऑक्सीजन जांचें।
- सर्दी जुकाम और बुखार है तो दिन में एक दो बार जांच कर सकते हैं।
- मास्क उतारकर पल्स ऑक्सीमीटर(Pulse Oximeter) लगाएं।
- पेट के बल सांस लें
सामान्यतः एक सामान्य व्यक्ति में 95 से 100 फ़ीसदी तक ऑक्सीजन होता है। कोरोना के रोगियों में जब ऑक्सीजन 95 फ़ीसदी से कम होने लगती है तो रोगी के परिजनों को चिंता करनी चाहिए। ऐसी स्थिति में यदि हम रोगी को पेट के बल लिटा दें और उसे धीमे-धीमे किंतु गहरी गहरी सांस लेने को कहें तो 10 से 25 फ़ीसदी तक ऑक्सीजन बढ़ जाती है। और यह क्रिया एक तरह से ऑक्सीजन की कमी में फर्स्ट ऐड का कार्य करती है। प्रयत्न यह होना चाहिए कि ऑक्सीजन की मात्रा 90 से 94 फ़ीसदी के बीच आ जाए।
कब ले जाएं अस्पताल-
ऑक्सीजन की महत्ता को देखते हुए इसे प्राणवायु भी कहा जाता है। Oxygen Level Kaise Badhaye इसके लिए रोगी को घर में ही सिलेंडर या ऑक्सीजन कंस्ट्रक्टर से ऑक्सीजन दी जा सकती है। कोरोना संक्रमण की शुरुआत में ही अगर ऑक्सीजन सपोर्ट(Oxygen Support) मिल जाए तो इससे रोगी को भर्ती होने से बचाया जा सकता है। चिकित्सक की सलाह से डेक्सामेथासोन है या अन्य स्टेरॉयड भी रोगी के उपचार में कारगर सिद्ध होता है। इससे भी ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ जाती है परंतु यदि ऑक्सीजन 90 फ़ीसदी से भी कम होने लगे तो हमें रोगी को किसी अस्पताल में भर्ती करा देना चाहिए।
कोरोना में है गेम चेंजर-
यदि रोगी की ऑक्सीजन 90 फ़ीसदी से भी कम हो जाती है और अस्पताल में भर्ती कराया जाता है तो वहां भी हाई फ्लो ऑक्सीजन दी जाती है। अर्थात वहां भी रोगी के उपचार में ऑक्सीजन की प्रमुख भूमिका है। ऐसे रोगी जिनको ऑक्सीजन सपोर्ट प्रारंभ में ही मिल जाता है वे जल्दी ठीक हो जाते हैं। उनको अस्पताल में भर्ती नहीं होना पड़ता और उनको पोस्ट कोविड-19 कॉम्प्लिकेशन भी कम होते हैं।
6 मिनट चल कर देखें-
अगर किसी के पास पल्स ऑक्सीमीटर भी नहीं है तो 6 मिनट लगातार चल कर यह जाना जा सकता है कि ऑक्सीजन की मात्रा कम है या नहीं। अगर कोई व्यक्ति 6 मिनट लगातार आराम से चल लेता है। इसका मतलब उसकी ऑक्सीजन की मात्रा लगभग सामान्य है। अगर 6 मिनट लगातार चलने पर उसकी सांस फूल जाती है और उसको बीच में रुकना पड़ता है तो उसकी ऑक्सीजन की मात्रा कम है।
भाप ले प्राणायाम करें-
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए फेफड़ों को मजबूत रखना बहुत जरूरी है। अगर आप नियमित भाप लेते हैं और प्राणायाम करते हैं तो आपके फेफड़े की ऑक्सीजन प्रवाहित करने की क्षमता में वृद्धि होती है और आप के फेफड़े मजबूत होते हैं। अतः हम सभी को भाप लेनी चाहिए एवं प्राणायाम करना चाहिए।
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