चक्रासन , फ़ायदे, लाभ, करने का तरीका, विधि, (Chakrasana, Chakrasana steps benefits and precautions, Chakrasana ke fayde, labh, Wheel Pose, Hindi)
चक्रासन – Chakrasana In Hindi
यह योग तन को स्वस्थ और मन को स्वच्छ रखने के साथ-साथ महिलाओं की सुंदरता बरकरार रखने व् सुंदरता बढ़ाने में भी मदद करता हैं। जी हां, रोजाना इस योग को करने से आप मानसिक और शारीरिक रूप से तो स्वस्थ रहती ही हैं साथ ही चक्रासन योग से आपके बाल भी हेल्दी होते हैं और चेहरे पर निखार आता है। साथ ही आपको जवां दिखने में भी मदद मिलती है।
आइए इस आर्टिकल के माध्यम से इसके बारे में विस्तार से जानकारी लेते हैं..
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चक्रासन क्या है – What Is Chakrasana In Hindi
चक्रासन को करने पर शरीर का आकृति चक्र के सामान दिखने लगता है इसी कारण इस आसन को चक्रासन कहा जाता है। चक्रासन, धनुरासन के विपरीत होने की कारण से इसे उर्ध्व धनुरासन भी कहा जाता है। योग शास्त्र में चक्रासन को मणिपूरक चक्र कहा गया है।
चक्रासन, संस्कृत शब्द चक्र और आसन से लिया गया है, जहां पर ‘चक्र’ का अर्थ ‘पहिया’ और ‘आसन’ का अर्थ ‘आसन’ है। चक्रासन को आमतौर पर अंग्रेजी में व्हील पोज कहा जाता है।
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चक्रासन कैसे करें – Chakrasana Ki Vidhi
चक्रासन का अभ्यास सूर्योदय के समय सबसे उत्तम है, तो पहले सूर्य नमस्कार प्रणायाम के कुछ चक्रों का अभ्यास करेंगे, जैसे भुजंगासन, ऊर्ध्वमुखश्वानासन तथा सेतु बन्ध सर्वाङ्गासन ।
- सबसे पहले स्वस्छ जमीन पर योग मैट या आसन बिछा लीजिये।
- फिर जमीन पर पीठ के बल लेट जाईये।
- अब दोनों पेरो के बीच एक या डेढ़ फ़ीट का अंतर बाइये और पैर के तलवो और एड़ियो को जमीन से लगाइये।
- अब हाथो की कोहनियो को मोड़ कर, दोनों हाथो को जमीन पर कान के पास इस तरह लगाइये कि उंगलियाँ कंधों की तरफ तथा हथेलिया जमीन पर टिक जाये।
- अब शरीर को हल्का व् ढीला छोड़ दे और गहरी साँस लीजिये ।
- पैरों व् हाथो को सीधा करते हुए, पीठ, कमर और छाती को ऊपर की ओर उठाएं।
- सिर को कमर की तरफ ले जाने का पर्यटन करें तथा शरीर को ऊपर करते समय साँस रोक कर रखे।
- अंतिम स्थिति में पीठ को सुविधा के अनुसार पहिये का आकर देने का प्रयास करें।
- शुरुवात में इस आसन को 10 से 15 सेकंड तक करने का प्रयास करें।
- कुछ समय पश्चात् शवासन की अवस्था में लोट आएं।

चक्रासन योग के क्या लाभ हैं – Chakrasana Benefits In Hindi
- विशेषज्ञों के अनुसार शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की अच्छी सेहत के लिए चक्रासन योग का नियमित अभ्यास करना बहुत फायदेमंद माना गया है।
- मन की शांति और एकाग्रता को बढ़ाने के साथ-साथ शरीर के फिटनेस को बढ़ावा देने में भी इस योग के बहुत योगदान हैं।
- तनाव या चिंता को कम करने में लाभकारी है।
- आंखों की रोशनी तेज करने में भी अहम योगदान है।
- रीढ़ की हड्डी को लचीला व् मजबूत करने में मदतकारी है।
- शरीर के रक्त परिसंचरण (Blood Cerculation) में सुधार करने के साथ-साथ रक्त को शुद्ध करता है।
- चक्रासन, आपकी सहनशक्ति और ताकत को बढ़ा देता है।
- पेट की चर्बी को कम कर के आपकी कोर मसल्स को भी टोन करता है।
- भूख बढ़ाने व् कब्ज–पाचन से संबंधी समस्याओं से निजात दिलाने में भी इस योग को काफी योगदान माना जाता है।
- चक्रासन का अभ्यास करने से फेफड़ों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलती है ।
- यह अभ्यास प्रजनन अंगों को उत्तेजित करता है।
चक्रासन किसे नहीं करना चाहिए – Chakrasana Kise Nahi Karna Chahiye
- ह्रदय रोग से सम्बंधित लोगों को नहीं करना चाहिए
- हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों को नहीं करना चाहिए
- हर्निया से पीड़ित वाले लोगों को नहीं करना चाहिए
- साइटिका की बीमारी वाले लोगों को नहीं करना चाहिए
- प्रेग्नेंट महिलाओं को नहीं करना चाहिए
- रीड की हड्डी से पीड़ित वाले लोगों को नहीं करना चाहिए
- गले की हड्डी से पीड़ित वाले लोगों को नहीं करना चाहिए
- जिन लोगों को पैरों में चोट लगी है वो ना करे
- जिन लोगों को पहले से ही कमर से जुडी समस्या है वो ना करे
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चक्रासन से संबंधित ध्यान रखने योग्य बातें – Chakrasana Se Sambandhit Bate
- चक्रासन सुबह के समय में ही आपको करने का प्रयास करना चाहिए।
- अगर सुबह के समय में टाइम न मिले तो आप अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी कर सकते हैं।
- चक्रासन को खाली पेट ही करना चाहिएया या भोजन केसे छ घंटे के बाद ही इसका अभ्यास करे ।
- चक्रासन करने के बाद कम से कम आधे घंटे बैठकर आराम करें।
- आराम करने के बाद फल का जूस पिए या फल खाना खाना चाहिए ।
- आसन के लिए ऐसे कपड़े को पहने जो ढीले हो जिससे आपको अभ्यास करने में आसानी हो ।
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