गरुड़ासन, फ़ायदे, लाभ, करने का तरीका, विधि (Garudasana in Hindi, Garudasana Steps and Benefits in Hindi, fayde, labh, Eagle Pose in Hindi)
FitTalk के इस आर्टिकल में आपको गरुड़ासन क्या है, गरुड़ासन करने का सही तरीका, गरुड़ासन के फायदे और सावधानियों के जुडी सभी जानकारी दी गयी है।
भगवान विष्णु को योग विज्ञान का ईश्वर भी कहा जाता है तथा इसीलिए गरुड़ासन भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ को समर्पित है।
गरुड़ासन, योग विज्ञान का बहुत लाभकारी योग माना गया है, इस योग के अभ्यास से मनुष्य के शरीर और मन से डर, और संदेह को मन से खत्म कर सकारात्मकता का संचार करता है।
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गरुड़ासन क्या है? – Garudasana in Hindi
गरुड़ासन (Garudasana) एक विशेष प्रकार का योगासन है। गरुड़ासन का नाम पौराणिक कथा व् पुराणों में वर्णित पक्षीराज गरुड़ के नाम पर रखा गया है। इस योगासन की उत्पत्ति संस्कृत शब्द गरुड़ से हुई है। इसे अंग्रेजी में Eagle Pose कहते है। यह आसान मुख्य रूप से कंधे, कलाई, बाजू और जंघे/पैर के हिस्से पर प्रभाव डालता है तथा साथ ही यह टखनों और कूल्हों को भी मजबूत करने में इस योगासन की अहम् भूमिका का काम कर सकता है। जो इस गरुड़ासन आसन को करना चाहते हैं, उन्हें शरीर को संतुलित बनाए रखना अधिक महत्वपूर्ण है।

गरुड़ासन के फायदे – Benefits of Garudasana in Hindi
- गरुड़ासन करने से कई तरह के फायदे हो होते है। लेकिन इसके बावजूद गरुड़ासन के महत्व से इंकार नहीं किया जा सकता। इस आसन के फायदे कुछ इस प्रकार हो सकते हैं।
- साइटिका, कमरदर्द, गठिया जैसे रोगों को ठीक करने के लिये गरुड़ासन लाभकारी है।
- शुक्राणु निर्माण(Sperm Count) के लिए लाभकारी है।
- गरुड़ासन को करने से मस्तिष्क स्वस्थ रहता है।
- जांघ और घुटनों के दर्द में राहत मिलता है।
- पाचन क्रिया बेहतर होती हैं।
- पीठ को स्ट्रांग व् लचीला करने में
- तनाव को कम करता है
- पुरुष की प्रजनन अंगों के लिए फायदेमंद।
- कंधे के जोड़ों में लचीलापन लता है।
- ध्यान और मेडिटेशन करने में सहायक है।
- मांसपेशियों की ऐंठन को रोकता है।
- गुर्दे की कार्यप्रणाली को कंट्रोल करता है।
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गरुड़ासन कैसे करें – Garudasana Steps in Hindi
- सबसे पहले ताड़ासन की स्थिति में खड़े हो जाये।
- उसके बाद अपने दाये पैर को उठाये और अपने बाएं पैर पर उसे लिपटा ले।
- ध्यान रहे दाये पैर को बाएं पैर पर इस प्रकार लपेटे की दाये जाँघ का पिछला हिस्सा बाएं जांघ पर और दाये पैर बाएं पिंडली को स्पर्श करें।
- उसके बाद अब अपने हाथों को भी कोहनियों से मोड़कर आपस में लिपटा लें।
- अब दोनों हथेलियों को आपस में जोड़े।
- अब थोड़ी देर इसी अवश्था में रहे फिर अपने प्रारम्भिक अवस्था में आ जाये।
- अब पुनः अपने हाथों और पैरों की स्थिति को बदलकर अभ्यास करे।
- प्रत्येक अभ्यास करते समय 20 से 30 सेकण्ड का अंतर रखे।
- इस आसन क्रम को 4 से 5 बार तक अभ्यास करें।
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गरूड़ासन करने से पहले ध्यान देने वाली बाते / सावधानियां- Precaution for Garudasana in Hindi
- आदर्श रूप से, गरूड़ासन सदैव को खाली पेट ही करना चाहिए। आपके भोजन और आपके अभ्यास के बीच 8-10 घंटे का अंतराल होना चाहिए और इस योगाभ्यास को करते समय आपका पेट साफ होना चाहिए।
- यदि आपको घुटने, कोहनी या टखने में चोट लगी हो तो इस आसन को नहीं करना चाहिए है।
- गर्भवती महिलाओं को गरूड़ासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए है या करने से पहले चिकित्सक की सहमति अवश्य लेनी चाहिए।
- यदि आपको लो ब्लड प्रेशर की पेसेंट है तो गरुड़ासन को भूलकर भी न करें।
- गरुड़ासन को योग गुरु की देखरेख में ही करना चाहिए।
- जब आपका गरुड़ासन में संतुलन बनने लगे तो आप इस को खुद भी कर सकते हैं।
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गरूड़ासन करने का वीडियो – Garudasana Video in Hindi
Garudasna Video in Hindi