जैसे कि नाम से ही स्पष्ट है कि इस आसन में बैठने पर साधक की स्थिति गाय के समान हो जाती हैं। इसके बहुत सारे फायदे हैं। आइए जानते हैं कि गोमुखासन(Cow face pose) क्या है, कैसे करते हैं तथा उसके लाभ व सावधानियां..
गोमुखासन क्या है – Gomukhasana in Hindi
गोमुखासन एक संस्कृत से लिया गया शब्द है जो 3 शब्द से मिलकर बना है गो + मुख+ आसन। गौ का अर्थ “गाय“, मुख का अर्थ “मुंह” तथा आसन का मतलब बैठने की मुद्रा है। अर्थात ऐसी मुद्रा जिसमें बैठने पर गौ के मुख की तरह आकृति बन जाए। इस आसन में हमारे पांव की स्थिति गौ के मुख के समान हो जाती है इसीलिए इसे गोमुखासन कहते हैं।
अंग्रेजी में इसे कॉउ फेस पोज(cow face pose) के नाम से जाना जाता है। हठ योग की श्रेणी में यह सबसे प्रचलित आसन है यह महिलाओं के लिए अत्यंत लाभदायक है। गठिया, कमर दर्द, धातु रोग, साइटिका और कब्ज होने पर इसका अभ्यास करने से अधिक लाभ मिलता है।
गोमुखासन करने का तरीका – Gomukhasana karne ka tarika
- इस आसन को करने के लिए खुले और स्वच्छ वातावरण में योगा मैट या चटाई बिछा ले।
- सबसे पहले पैरों को सामने की ओर फैलाकर दंडासन में बैठ जाए।
- अब अपने दाएं पैर को मोड़ते हुए बाएं पैर की जांघ पर रखें और पंजे को खींचकर बाएं नितंब के पास लाए।
- फिर बाएं पैर को भी मोड़ कर दाएं नितंब के पास लगा दे।
- अब बाएं हाथ को पीछे पीठ पर ले जाकर रीढ़ की हड्डी पर टिका दें।
- इसके बाद दाएं हाथ को ऊपर ले जाएं तथा कोहनी को मोड़ते हुए पीछे की ओर ले जाएं।
- इसके बाद दोनों हाथों को पीछे से अंगुलियों को मिलाते हुए दृढ़ता से पकड़ ले।
- आसन की इस स्थिति में शरीर बिल्कुल सीधा रहना चाहिए।
- कुछ देर तक इस स्थिति में बने रहे और सांस लेते रहे।
- फिर अपने पैरों तथा हाथों को आपस में बदल कर दूसरी तरफ से दोहराए।
- कुछ देर तक बैठने पर जब असुविधा लगे तो पुनः प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं।
- इस आसन (gaumukh aasan) को 3 से 4 बार कर सकते हैं।

गोमुखासन के फायदे – Gomukhasana ke fayde in hindi
- शरीर की मजबूती- यह पैरों व हाथों के साथ-साथ मेरुदंड को भी दृढ़ता प्रदान करता है। कूल्हों, जांघ व कंधे की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। (Gomukhasana benefits in hindi)
- अस्थमा में गोमुखासन- फेफड़ों के लिए सर्वोत्तम योगाभ्यास है। यह फेफड़ों को फैलाता है जिससे ऑक्सीजन शरीर में अधिक जाती है। यह छाती को मजबूत बनाकर उसकी कार्य क्षमता को बढ़ाता है। अस्थमा से पीड़ित व्यक्ति को नित्य इसका अभ्यास करना चाहिए।
- महिलाओं के लिए गोमुखासन- गोमुखासन महिलाओं के वक्षस्थल को बढ़ाता है यानी उनके स्तनों के आकार में वृद्धि करता है। इस योगाभ्यास से वे अपने शरीर को एक आकर्षक रूप दे सकती है।
- मधुमेह में गोमुखासन- इसके अभ्यास से मधुमेह की आशंका कम हो जाती है। यह पैंक्रियाज को उत्तेजित करता है जिससे शुगर लेवल को कम किया जा सकता है। मधुमेह से ग्रस्त व्यक्ति के लिए यह रामबाण है।
- तनाव व चिंता से राहत- रोज 5 से 10 मिनट तक अभ्यास करने से तनाव व चिंता कम होगी। इससे हर तरह के मानसिक तनाव से छुटकारा मिलेगा।
- शरीर के लचीलापन को बढ़ाने में- यह आसन रोज करने से शरीर लचीला और सुडौल बनता है। कई शोधों में भी साबित हुआ है कि इसका अभ्यास शरीर को मजबूत और लचीला बनाता है।
- प्रजनन क्षमता बढ़ाने में गोमुखासन- गोमुखासन के नियमित अभ्यास से प्रजनन अंग उत्तेजित रहते हैं जिससे लैंगिक परेशानियां दूर होती हैं। यह स्त्री रोगों को दूर करने में भी कारगर है।
- सर्वाइकल के लिए गोमुखासन (gaumukh aasan)- इस आसन के अभ्यास से गर्दन में दर्द, कंधे में दर्द तथा सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस से छुटकारा पा सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे गर्दन व रीढ़ की हड्डी सीधी रहे।
- बाबासीर में गोमुखासन- बवासीर जैसी बीमारियों में यह आसान उपयोगी माना जाता है।
गोमुखासन करते समय सावधानी – Gomukhasana karte samay savdhani
- यदि आपको पहले से गर्दन व कंधे में कोई समस्या हो तो इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए।
- अपने पैरों को एक दूसरे के ऊपर रखते समय जबरदस्ती ना करें, धीरे-धीरे ही कोशिश करें।
- यदि पहले से बवासीर है और मलद्वार से खून आ रहा है तो इसका अभ्यास नहीं करें।
- पीठ के पीछे से हाथों को पकड़ने में परेशानी हो रही हो तो जबरदस्ती ना करें। धीरे-धीरे अभ्यास करने से कुछ दिनों बाद कर पाएंगे।
- रीढ़ की हड्डी में किसी भी प्रकार की समस्या हो तो इसका (gomukhasana) अभ्यास ना करें।
- पैरों में या कंधे में किसी भी प्रकार की सर्जरी हो तो गोमुखासन (gaumukh aasan) का अभ्यास ना करें।
गोमुखासन से पहले यह आसन करें – Gaumukh aasan se pahle ye asana kare
विरासन, बद्ध कोणासन, तितली आसन, सुप्त पादांगुष्ठासन
गोमुखासन के बाद यह आसन करें – Gomukh aasan ke bad ye asana kare
पद्मासन, पश्चिमोत्तानासन, अर्धमत्स्येंद्रासन, गरुड़ासन
गोमुखासन को आसानी से करने के टिप्स – Gomukhasana easy steps in hindi
Tips 1– अगर आपका शरीर लचकदार नहीं है तो इसकी (gomukhasana) शुरुआत करने में कठिनाई होगी। इसके लिए जब आप अपने हाथों को पीठ के पीछे ले जाते हैं. तब किसी रस्सी या कपड़े की सहायता से लेकर उसे दोनों हाथ से पकड़े।
Tips 2- दोनों पैरों को मोड़कर एक दूसरे के ऊपर रखने पर वह फर्श पर नहीं टिक पाते। इसके लिए एक मोटा कंबल या तकिए को कूल्हे के नीचे रख ले।