गोरक्षासन आसन करने का तरीका और फायदे |Gorakshasana Steps and Benefits in Hindi

गोरक्षासन के फायदे, सही तरीका और सावधानियां [Gorakshasana / Gorakhnath Asana benefits in hind, Gorakshasana Karne ka tarika, Gorakshasana (Cowherd) pose in hindi]

गोरक्षासन (Gorakshasana) का नाम महान योगी गोरखनाथ (Gorakhnath) के नाम पर पड़ा है क्योंकि योगी गोरखनाथ हमेशा इसी योगासन में बैठा करते थे।
एक स्वस्थ मनुष्य के लिए योग करना बहुत जरूरी है, क्योंकि शरीर को स्वस्थ और फुर्तीला रखने के लिए योगासन को अपना ही एक अलग महत्व होता है |

वैसे तो ऐसे कई योग हैं, जिनका नियमित रूप से अभ्यास करने से शरीर स्वस्थ और फुर्तीला बना रहता है | गोरक्षासन भी इन्ही आसनो में से एक है अगर आप गोरक्षासन (Gorakshasana) का नियमित रूप से अभ्यास करेंगे तो पेट के रोगों तथा बवासीर जैसे अन्य रोगो से बचे रहेंगे | गोरक्षासन पुरुष और महिला दोनों के लिए उचित योगासन माना जाता है | ( Gorakshasana steps and benefits in Hindi )

और पढ़े – गोमुखासन (Gomukhasana)

गोरक्षासन करने का सही तरीका (Gorakshasana steps in hindi)

  • सबसे पहले मैट बिछा लें और उसपर दंडासन योग मुद्रा में बैठ जाएं
  • गहरी सांस लेते हुए घुटनों को मोड़ें और पैरों के तलवों को पास ले आएं और मिला लें ।
  • अब दोनों पैरों के पंजों पर इस प्रकार बैठें कि शरीर के वजन एड़ियों के बीच आए।
  • और शरीर को ऊपर उठाकर अँगूठे के बल बैठ जाएं। ध्यान रहे छाती न मुड़े।
  • कमर और गर्दन को सीधा रखें और धीरे-धीरे गहरी सांस लें|
  • योग करते वक्त घुटने, एड़ी और जांघों पर बहुत अधिक दबाव नहीं बनाएं।
  • आप इस अभ्यास को 20 से 25 सेकंड तक या जब तक चाहें इस योग मुद्रा को बने रह सकते |
Gorakshasana / Gorakhanath Asana
Gorakshasana / Gorakhanath Asana

गोरक्षासन के फायदे (Gorakshasana Benefits in Hindi)

  • किडनी के लिए: गोरक्षासन किडनी के विभिन्य विकारों में बेहद लाभकारी है।
  • बवासीर के लिए: इस योगासन के नियमित अभ्यास से बवासीर को ठीक किया जा सकता है |
  • घुटनों के लिए: इस योगासन के अभ्यास से घुटनों के जोड़ों, टखने (Ankle) तथा कूल्हे (Hips) के भाग की अकड़न (spasm) को दूर करने में मदद मिलती है।
  • शरीर के संतुलन में: योगाभ्यास शरीर को संतुलित बनाए रखने में मदत करता है।
  • पाचन क्रिया के लिए: इस योगाभ्यास के नियमित अभ्यास से भोजन का अच्छी तरह से पचता है|
  • गर्भास्य में : गोरक्षासन अभ्यास से स्त्रियों के गर्भाशय से संबंधित रोगों को दूर करने में करता है।
  • गैस से निजात के लिए: गोरक्षासन अभ्यास आपको पेट से सम्बंधित गैस की शिकायत को दूर करता है|
  • कुण्डिलिनी जागृत करने क लिए: यह कुण्डिलिनी योग अभ्यास का अहम हिस्सा है ये कुण्डिलिनी को जागृत करने में मदत करता है|

और पढ़े – सिद्धासन (Siddhasana)

सावधानियां(Gorakshasana contraindications in hindi)

  • घुटनों का दर्द या गठिया की समस्या होने पर इस अभ्यास को नहीं करने चाहिए।
  • रीढ़ की हड्डी में दर्द होने पर गोरक्षासन अभ्यास नहीं करने चाहिए।
  • कंधे या गर्दन में दर्द होने पर इस गोरक्षासन का अभ्यास ना करे|
  • आंतों में रोग और थायरॉइड के कारण मोटापा है तो गोरक्षासन ना करें|
  • शरीर के किसी हिस्से में ज्यादा पीड़ा या चोट लगी हो गोरक्षासन ना करें|
  • रक्तचाप (Blood Pressure) या हृदय (heart)संबंधी रोग हो तो इस आसन का अभ्यास ना करें|
  • थकावट, कमजोरी, मासिक धर्म या गर्भावस्था होने पर गोरक्षासन ना करें|

और पढ़े – बद्ध पद्मासन(Baddha Padmasana)

गोरक्षासन से पहले करने वाले आसन –

गोमुखासन (Gomukhasana)
पद्मासन (padmasana)
बद्ध पद्मासन (Baddha Padmasana),
सिद्धासन (Siddhasana)
धनुरासन (Dhanurasana)
दंडासन (Dandasana)

गोरक्षासन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण टिप्स-

  • गोरक्षासन का अभ्यास करते समय शरीर में किसी प्रकार का तनाव नहीं बनाएं और यदि आप पहली बार गोरक्षासन का अभ्यास करने जा रहे हैं तो सबसे पहले इसकी पूरी प्रक्रिया को अच्छे तरह से समझ लेना चाहिए फिर इसका अभ्यास करें।
  • इसके अलावा गोरक्षासन का अभ्यास करने से पहले कुछ हल्की-फुल्की स्ट्रेचिंग (Body starching) एक्सरसाइज कर लें।
  • गोरक्षासन का अभ्यास खाली पेट ही करे और ज्यादा टाइट कपड़े न पहनें।

गोरक्षासन का वीडियो – Gorakshasana Video in Hindi

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