हलासन, फ़ायदे, लाभ, करने का तरीका, विधि, (Halasana a steps, Halasana Steps and Benefits in Hindi, Halasana ke fayde, labh, Plow Pose Precautions, Hindi)
हलासन क्या है? – Halasana in Hindi
हलासन प्रमुख योगासन में से एक है इस आसन का यह नाम किसान के हल के समान आकृति होने कारण मिला है जो मिट्टी को खेती से पहले खोदने के काम आता है।
हलासन नाम ‘हल’ शब्द से रखा गया है यानी वह हल जो खेती के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले यंत्र होता है। जैसे कि हल के द्वारा खेत को बीज बोने के लिए तैयार किया जाता है उसी प्रकार हलासन शरीर और दिमाग को गहरी कायाकल्प के लिए तैयार करता है।
इस आसन में शरीर की स्थिति खेत में बैल द्वारा चलाए जाने वाले हल जैसी होने के कारण इसे “हलासन” कहते हैं। हलासन को अंग्रेजी भाषा में Plow Pose भी कहते हैं। हलासन हमारे पूरे शरीर को लचीला बनाता है जिससे रीड की हड्डी सदा जवान बनी रहती है और लचीली और ताकतवर होती है।
इस लेख में हलासन क्या है, हलासन करने का सही तरीका और उससे होने वाले फायदे के बारे में बताया गया है साथ ही साथ इससे संबंधित एक वीडियो भी साझा किया गया है जिसे देखना ना भूलें।
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हलासन के फायदे – Halasana Benefits In Hindi
हलासन करने के बहुत से फायदे हैं। हलासन के फायदे(Halasana Ke Fayde) को विस्तार से जानते हैं।
वजन कम करने में
यदि आप वजन कम करने के लिए योगाभ्यास करते हैं तो हलासन को अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल करें क्योंकि यह आसन करते वक्त पेट पर जोर पड़ता है जिससे पेट की चर्बी कम होने लगती है और वजन तीन प्रतिदिन कम होने लगता है।
रीड की हड्डी और पीठ मजबूत बनाएं
हलासन के नियमित अभ्यास रीड की हड्डी लचीली बनती है और मेरुदंड संबंधी समस्या दूर होती है जिसे वृद्धावस्था के लक्षण जल्दी नहीं आते। जिन लोगों कमर दर्द और पेट दर्द की शिकायत रहती है उनके लिए हलासन एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
पाचन में फायदेमंद
हलासन के अभ्यास से पेट की मांसपेशियों सक्रिय हो जाती हैं जिससे पेट के आंतरिक अंग प्रभावी रूप से काम करने लगते हैं और पाचन क्रिया में सुधार होता है। कब्ज, अपच और कई सारे पेट की समस्याओं मैं यह लाभदायक है।
त्वचा, आंख और बाल के लिए
इस आसन के नियमित अभ्यास से रक्त का प्रवाह मस्तिष्क की तरफ बढ़ता है जिससे चेहरे पर चमक आती हैं और बाल जड़ से मजबूत होते हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए
नियमित अभ्यास से रक्त का प्रवाह पूरे शरीर में बढ़ते हैं जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने लगती हैं।
बवासीर में फायदेमंद
बवासीर एक बहुत गंभीर बीमारी है जिसे अंग्रेजी में पाइल्स भी कहते हैं और यह आसन करने से इस बीमारी को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
शारीरिक संतुलन बनाए रखें
जिन लोगों को हाई बीपी की समस्या है उनके लिए हलासन बहुत ही लाभदायक है क्योंकि अध्ययन में पता चला है की इस आसन के अभ्यास से हाई बीपी और हाई ब्लड शुगर के स्तर को कम किया जा सकता है।
चिंता और थकान
हलासन के नियमित अभ्यास से तंत्रिका तंत्र को विश्राम मिलता है जिससे तनाव और थकान मिट जाती है।
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हलासन करने का तरीका – Halasana Steps in Hindi

- सबसे पहले खुले वातावरण में योग मैट बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं।
- अपने हाथों को शरीर से सटा कर रखें, हथेलियों की दिशा जमीन की तरफ रहेगी।
- सांस भीतर की ओर खींचते हुए अपने पैरों को सीधा ऊपर की ओर उठाएं।
- अब पैरों को इस पोजीशन में लाएं की पैर और कमर के बीच 90 डिग्री का कोण बन जाए।
- पैरों को ऊपर उठाते हुए अपने हाथों को कमर के नीचे रखकर कमर को सहारा दे सकते हैं।
- अब अगले स्टेप्स में पैरों को सिर की तरफ झुकाए और पैरों को सिर के पीछे ले आए।
- ऐसी स्थिति में पैर के अंगूठे जमीन को छूने चाहिए। अगर पैरों को सीधा रख पाने में समस्या हो रही है तो पैरों को थोड़ा मोड़ सकते हैं।
- अब हाथ को कमर के नीचे से हटाकर सीधा रख ले हथेली की दिशा जमीन की तरफ रहेगी।
- इस स्थिति में कुछ देर तक बने रहे और सांसो पर ध्यान केंद्रित करें। (halasana yoga in hindi)
- इसके बाद पैरों को वापस ने पहले वाली पोजीशन में लाएं, यानी कि पैरों को वापस जमीन पर ले आए।
- पैरों को वापस लाते समय जल्दबाजी नहीं करना चाहिए, दोनों पैरों को समान गति से वापस लाना चाहिए।
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हलासन से पहले यह आसन करें –
बालासन(Balasana)
सेतु बंधासन(Setu Bandhasana)
वीरासन(Virasana)
सर्वांगासन()
हलासन के बाद करने वाले आसन –
भुजंगासन (Bhujangasana)
पवनमुक्तासन (Pavan Muktasana)
हलासन करते समय सावधानियां – Halasana Precautions In Hindi
- हलासन में पैरों को ऊपर ले जाते समय और नीचे लाते समय जल्दी बाजी ना करें।
- अगर पैर में कोई चोट लगी हो या सर्जरी हुई हो तो यह आसन ना करें।
- डायरिया या गर्दन में चोट की समस्या है तो हलासन कभी ना करें।
- पैरों को सिर के पीछे ले जाकर जमीन को छूने का जबरदस्ती प्रयास ना करें।
- अगर पैर जमीन को नहीं छुपा रहे हैं तो पैरों को मोड़ भी सकते हैं।
- दस्त, सिरदर्द और महावारी है तो हलासन का अभ्यास ना करें। (Halasana in Hindi)
- हलासन थोड़ा कठिन आसन है इसलिए शुरुआत में अभ्यास किसी योग गुरु के निर्देशन में ही करें।