कपालभाति प्राणायाम करने का सही तरीका और फायदे|Kapalbhati pranayama Steps and Benefits in Hindi

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कपालभाति प्राणायाम क्या है – What is Kapalbhati pranayama in Hindi

कपालभाति शब्द कपाल और भांति से मिलकर बना है। जिसमें कपाल का अर्थ सिर और भांति का अर्थ चमकने वाला है। अर्थात कपालभाति एक ऐसा अभ्यास है जो मस्तिष्क रूपी ललाट पर चमक लाता है। कपालभाती(Kapalbhati) को प्राणायाम का हिस्सा माना गया है। इसमें तेजी से सांस छोड़ने की प्रक्रिया की जाती है लेकिन सांस लेना नहीं होता है। बल्कि खुद से जो थोड़ी-बहुत स्वास चली जाती है उसे जाने देते हैं। कपालभाती षट्कर्म जैसी एक अभिक्रिया है।

नीचे कपालभाति करने के तरीकों, लाभ व सावधानियां को बताया गया है जिसे ध्यानपूर्वक पढ़ें..

कपालभाति प्राणायाम करने का तरीका – Kapalbhati karne ka tarika

  • सबसे पहले सुबह में बैठने के लिए योगा मैट या कोई चटाई बिछा ले।
  • वातावरण साफ शुद्ध व हवादार होना चाहिए।
  • अब पद्मासन या सुखासन में बैठकर अपने हथेलियों को ज्ञान मुद्रा में अपनाते हुए घुटनों पर टिका दें।
  • रीड की हड्डी गर्दन को सीधा रखें और शरीर को ढीला छोड़ दें।
  • अब स्वांस को छोड़ते हुए अपने पेट को अंदर की तरफ सिकोडे, यानी पेट को अंदर की तरफ खींचना है।
  • ऐसा कई बार करना है और पेट को ज्यादा तेजी से अंदर की तरफ नहीं खींचना है।
  • सांस को सिर्फ नाक से बाहर छोड़ना है और खुद से जो हल्की सांस अंदर जाती है तो जाने दे।
  • एक राउंड में कम से कम 20-25 बार करें और ऐसे 5 से 6 राउंड करनी है।
  • अभ्यास करने के बाद अपने हथेलियों को आपस में रगड़े। जब थोड़ी गर्म हो जाए तो अपने चेहरे पर फेरे।
  • इससे आप एक अलग ही शांति व उत्तेजना का अनुभव करेंगे।
Kapalbhati pranayama in Hindi
Kapalbhati pranayama in Hindi

कपालभाति प्राणायाम करने के फायदे – Kapalbhati karne ke Fayde

  • वजन को घटाने में काफी प्रभावी होता है। वजन को तेजी से कम करने का सबसे अच्छा तरीका है।
  • कपालभाति करने से मन को शांति मिलती है जिससे आपका चेहरा व त्वचा जवां दिखने लगेगा।
  • आजकल हर दूसरा आदमी कब्ज से पीड़ित है। कब्ज न केवल बूढ़े बल्कि बच्चों और युवाओं के लिए भी समस्या है। इसके लिए कपालभाति प्राणायाम एक सर्वश्रेष्ठ प्राकृतिक उपचार हैं।
  • पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है और पाचन क्षमता भी मजबूत बनती है।
  • नाड़ियों के शुद्धिकरण में सहायक होता है।
  • अगर आप झड़ते बालों से परेशान हैं तो कपालभाति प्राणायाम का सहारा ले सकते हैं।
  • डायबिटीज के रोगियों के लिए यह प्राणायाम रामबाण है।
  • फेफड़ों की समस्या से पीड़ित है तो इसका अभ्यास रोजाना सुबह व शाम करें।
  • कपालभाति शुक्राणुओं की संख्या को बढ़ाता है जिससे यौन संबंधी समस्या दूर हो जाती है।
  • प्रतिदिन कपालभाति का अभ्यास शरीर की प्रतिरोधक क्षमता(Immune system) को बढ़ाता है।

कपालभाति प्राणायाम करते समय क्या सावधानी बरतें – kapalbhati pranayama me kya savdhani barte?

  • पेट में किसी भी प्रकार की समस्या हो या कोई सर्जरी हुई हो तो इसका अभ्यास ना करें।
  • महिलाओं को गर्भावस्था में या उसके बाद भी कुछ महीनों तक नहीं करना चाहिए।
  • हर्निया, स्लिप डिस्क जैसी समस्या होने पर भी यह परिणाम ना करें।
  • उच्च रक्तचाप वाले लोग इसको धीरे-धीरे करें, ज्यादा तेजी से करने पर बीपी बढ़ जाएगा।

कपालभाति प्राणायाम का वीडियो – Kapalbhati Video in Hindi

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