मत्स्यासन , फ़ायदे, लाभ, करने का तरीका, विधि (Matsyasana steps, Matsyasana Benefits in Hindi, Precautions of Matsyasana In Hindi )
मत्स्यासन क्या है – Matsyasana in Hindi
मत्स्यासन का अर्थ मछली होता है इस आसन में शरीर की मुद्रा मछली के आकार की हो जाती है इसलिए इस आसन का नाम मत्स्यासन रखा गया। अंग्रेजी में इसे फिश पोज(Fish Pose) के नाम से भी जानते हैं।
इस लेख में मत्स्यासन करने का तरीका, उस से होने वाले फायदे और सावधानियों के बारे में बताया गया है साथ ही साथ यह आसन करते हुए एक वीडियो भी साझा किया गया है जिसे देखना ना भूलें।
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मत्स्यासन के फायदे – Matsyasana Benefits In Hindi
मत्स्यासन के बहुत सारे फायदे हैं जो नीचे दिए गए है..
- मत्स्यासन के अभ्यास से पूरा शरीर मजबूत बनता है गले, छाती और पेट की तमाम बीमारियां दूर होती हैं।
- इसका अभ्यास करते वक्त गर्दन और सीने की मांसपेशियों में खिंचाव आता है जिससे मांसपेशियां तनावमुक्त होती हैं।
- मत्स्यासन के अभ्यास से थायराइड, कब्ज, कमर दर्द, थकान, चिंता, सांस की बीमारी जैसे तमाम लोगों में बहुत लाभ मिलता है।
- अगर किसी महिला को अनियमित रूप से पीरियड्स आ रहे हो तो इसके लिए मत्स्यासन सबसे अच्छा अभ्यास माना जाता है।
- जिनको पाचन की समस्या रहती है उनको मत्स्यासन का अभ्यास नियमित रूप से करना चाहिए।
- आज के दैनिक जीवन में आंखों की समस्या बहुत से लोगों को हो रही है। लोग देर रात तक मोबाइल पर नजरें गड़ाए रहते हैं जिसकी वजह से आंखों की रोशनी कम होने लग रही है। तो ऐसे में मत्स्यासन का अभ्यास करना बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है।
- इसके नियमित अभ्यास से पिट्यूटरी पैरा थायराइड और पीनल ग्लैंड्स भी टोन हो जाती है।
- यह आसन शरीर का पोस्चर सुधारने में भी मदद करता है।
- यह पीठ और गर्दन के पीछे की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
- आज हर तीसरे व्यक्ति को मोटापे की समस्या है। तो इसके लिए उनको मत्स्यासन का अभ्यास करना चाहिए इससे काफी हद तक मोटापा दूर होगा।
- दमा और खांसी की समस्या दूर होती है।
- मधुमेह से पीड़ित रोगियों के लिए यह आसन बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है।
- मत्स्यासन के अभ्यास से चेहरे की तरफ रक्त प्रवाह बढ़ता है जिससे चेहरे पर तेज, त्वचा आकर्षक और शरीर कांति मान बनता है।
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मत्स्यासन करने की विधि – Matsyasana Steps in Hindi
विधि 1
- एक स्वस्थ स्थान पर योगा मैट बिछाकर दंडासन की मुद्रा में बैठ जाएं।
- सांस अंदर भरते हुए शरीर को सीधा रखें।
- अब दोनों पैरों को एक दूसरे के ऊपर रखकर पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं।
- पीठ को धीरे-धीरे पीछे की तरफ ले जाएं, पीछे जाते वक्त कहानियों को जमीन पर रखकर सहारा ले सकते हैं।
- लेटते हुए गर्दन को मोड़े और सिर के ऊपरी हिस्से को जमीन पर टिकाए।
- अब अपने हाथों को उठाते हुए अंगूठी की उंगलियों को पकड़ ले और ध्यान रहे की कहानियां जमीन से सटी होनी चाहिए।
- अपनी क्षमता अनुसार आप इस अभ्यास को 1 से 5 मिनट तक कर सकते हैं।
- इसका अभ्यास करते वक्त सांस की गति सामान्य रखें।
- वापस आते वक्त कोहनियों की सहायता से ही सिर और पीठ को ऊपर की तरफ लाएं।
- अब आप फिर से पद्मासन की मुद्रा में आ गए हैं।
विधि 2
- किसी स्वच्छ स्थान पर योगा मैट बिछाकर वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाए।
- अब अपने हाथों को अपने पैरों के पास लाएं और धीरे-धीरे कोहनियों की सहायता से शरीर को पीछे की तरफ झुकाए।
- सांस खींचते हुए सीना को ऊपर की तरफ उठाएं और सिर का ऊपरी हिस्सा जमीन को छूना चाहिए।
- अगर इस तरह अभ्यास करने में परेशानी हो रही हो तो अपने पैरों को हिप्स के बगल में रख सकते हैं।
- इस स्थिति में आप अपनी क्षमता अनुसार जितने देर तक बने रह सकते हैं बने रहें। सांस की गति सामान्य रहेगी।
- फिर कोहनियों की सहायता से पूरे शरीर यानी सिर और पीठ को आगे की तरफ वापस लाएं। अब आप फिर से वज्रासन की मुद्रा में है।
- दोनों विधि या दोनों में से किसी एक विधि का अभ्यास करने के बाद शवासन का अभ्यास जरूर करें।
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मत्स्यासन से पहले करने वाले आसन-Matsyasana Ke Pahle Karne Vale Asan
सर्वांगासन
हलासन
विरासन
पिंडासन
मत्स्यासन के बाद करने वाले आसन – Matsyasana ke Bad Karne Vale Aasan
शवासन
शीर्षासन
बद्ध पद्मासन
पद्मासन
मत्स्यासन करने का आसान तरीका – Matsyasana Karne Ka Aasan Tarika
- अगर आप मत्स्यासन का अभ्यास पहली बार कर रहे हैं तो पीछे मुड़ने में काफी परेशानी होती है। तो इसके लिए पीठ के पीछे एक मोटा सा कंबल रखकर कमर को सहारा दे सकते हैं लेकिन आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपका सिर फर्श पर टिका हुआ हो।
- मत्स्यासन का अभ्यास आप पद्मासन या वज्रासन दोनों मुद्राओं में से किसी भी एक मुद्रा से शुरुवात कर सकते हैं।
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मत्स्यासन करते समय सावधानियां – Precautions Of Matsyasana in Hindi
- मत्स्यासन का अभ्यास करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपका पेट बिल्कुल खाली हो।
- अगर आप इस आसन का अभ्यास शाम को कर रहे हैं तो इस आसन को करने से कम से कम 4 से 5 घंटे पहले भोजन कर ले।
- जिनको भी हाई बीपी या लो बीपी की समस्या हो तो उन्हें मत्स्यासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
- माइग्रेन या अनिद्रा से पीड़ित व्यक्ति को भी इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए।
- घुटने या पीठ में चोट की समस्या हो तो इसका अभ्यास कभी ना करें।
- इसके अभ्यास आराम से करें, शरीर के साथ जोर-जबर्दस्ती ना करें।
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