पादहस्तासन, फ़ायदे, लाभ, करने का तरीका, विधि (Padahastasana steps, Padahastasana Steps and Benefits in Hindi, Hand to Feet Pose, Pad hast aasan, Precautions)
पादहस्तासन का नाम संस्कृत के 2 शब्दों के मेल से बना है: पद, और हस्त। पद यानी कि पैर और हस्त का मतलब हाथ होता है। पादहस्तासन को अंग्रेजी में हम Intense Forward Bending Pose, Standing Head to Knee Pose या Hand to Feet Pose भी कह सकते है।
पादहस्तासन का अभ्यास सूर्य नमस्कार के दौरान भी किया जाता है यह आसन पूरे शरीर को अच्छे से स्ट्रेच देता है और दिमाग में ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ाने में भी मदद करता है। इस योग मुद्रा में कुछ देर तक बने रहने से शरीर को कई प्रकार के लाभ हो सकते हैं जिसके बारे में हम नीचे बता रहे हैं।
इस आर्टिकल में पादहस्तासन करने का तरीका, फायदे और सावधानियों के बारे मे बताया गया है और साथ ही साथ लेख के अंत में पादहस्तासन करते हुए एक वीडियो भी साझा किया गया है जिसे देखना ना भूलें।
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पादहस्तासन के फायदे – Padahastasana Benefits in Hindi
यहां हम पादहस्तासन के कुछ महत्वपूर्ण फायदों के बारे में बता रहे हैं जिसे ध्यानपूर्वक पढ़ें..
वजन कम करने में
इस योगासन में जब हम अपने हाथों से पैरों को छूते हैं तो पेट पर दबाव पड़ता है जिससे पेट की चर्बी को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। वजन को नियंत्रित करने के लिए इसका रोज अभ्यास करना चाहिए।
अच्छे पाचन के लिए
पादहस्तासन का अभ्यास करने से पाचन में सुधार होता है। कई शोधों से यह बात साबित हुआ है कि इसके अभ्यास से आंतों से संबंधित समस्या को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। और हमारी आंत स्वस्थ रहेगी तो पाचन क्रिया भी तेजी से होती रहेगी।
बालों को झड़ने से रोकता है
जिनको भी बाल झड़ने की समस्या हो और समय से पहले सफेद हो जाते हो या डैंड्रफ की समस्या हो उनके लिए यह योगासन बहुत ही अच्छा है क्योंकि इसका अभ्यास करते समय सिर की तरफ ब्लड की सप्लाई बढ़ जाती है जो बालों की ग्रोथ के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
तनाव कम करने में
पादहस्तासन के नियमित अभ्यास से दिमाग शांत रहता है जिससे तनाव मुक्त होता है। इसके अभ्यास में रक्त का प्रवाह मस्तिष्क की तरफ बढ़ जाता है जिससे तनाव और हल्के डिप्रेशन में राहत मिलती है।
लचीलापन में सुधार
यह आसन पीठ, हिप्स, पिंडली और टखनों को अच्छे से स्ट्रेच देता है। जिससे जांघ और कूल्हों के बीच लचीलापन बढ़ाने में मदद मिलती है।
लंबाई बढ़ाने में
पादहस्तासन लंबाई बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो सकता है। क्योंकि एक रिसर्च से पता चला है कि जो लोग इसका अभ्यास नियमित रूप से करते हैं उनको लंबाई बढ़ाने में काफी हद तक मिली है
पादहस्तासन करने का तरीका – Padahastasana in Hindi
यह एक कठिन आसन है शुरुआत में इसे करने से स्ट्रेच कर पाना कठिन लग सकता है लेकिन कुछ दिनों के अभ्यास से आप इसे अच्छे से कर पाएंगे।
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- सबसे पहले योगा मैट बिछाकर उस पर सीधे खड़े हो जाएं।
- अब अपने पैरों के बीच लगभग 2 इंच का फासला बना कर खड़े रहे।
- शरीर को बिल्कुल ढीला छोड़ दें।
- सांस भरते हुए दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं।
- इस मुद्रा में कुछ देर तक रुक कर आराम से सांस छोड़ते हुए कमर को आगे की ओर झुकाएं।
- अब दोनों हाथों को दोनों पैरों के बगल में जमीन से हटाने की कोशिश करें।
- इस दौरान हथेलियों को जमीन से छूने का प्रयास करें और घुटनों को सीधा रखने का प्रयास करें।
- इस दौरान अपने माथे को घुटने से सटाने की कोशिश करें।
- कुछ देर तक इसी अवस्था में बने रहे और सामान्य गति से सांस लेते रहे।
- इस अवस्था में 15 से 20 सेकंड तक बने रहें।
- यह अभ्यास करते समय बस ध्यान रखें यह रखना है कि घुटने मुड़े नहीं होने चाहिए।
- अब आराम से सांस भरते हुए हाथों को ऊपर की तरफ ले जाएं। और सांस छोड़ते हुए अपनी पहली अवस्था में आ जाएं।
- अगर इस आसन को आप पहली बार कर रहे हैं तो इसको करने में थोड़ी कठिनाई होगी इसके लिए आप सिर्फ जमीन छूने का प्रयास कर सकते हैं।
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पादहस्तासन करने से पहले यह आसन करें – Padahastasana Se pahle Yah Asan Karen
सूर्य नमस्कार
जानू शीर्षासन
पश्चिमोत्तानासन
पादहस्तासन करने के बाद यह आसन करें – Pad hast aasan ke Bad Yah Asan Karen
शवासन
इसके अलावा पीछे झुकने वाले आसन करने चाहिए।
पादहस्तासन शुरू करने वालों के लिए आसान टिप्स – Padahastasana Beginners Tips in Hindi
पादहस्तासन(Padahastasana) के शुरुआती दौर में इसे करना थोड़ा मुश्किल है। अगर शरीर में लचीलापन नहीं है तो इसे करना और भी मुश्किल है। इसका अभ्यास करते वक्त जहां तक हो सके आगे की ओर झुके और अपने पैरों को सीधा रखते हुए अपने हाथों से फर्श को सिर्फ छूने की कोशिश करें। अगर आप हाथों से फर्श को नहीं छु पा रहे हैं तो कोई बात नहीं आप अपने हाथों को फर्श से थोड़ा ऊपर ही रखिए लेकिन अपने घुटनों को सीधा रखिए। आप जैसे जैसे प्रतिदिन इसका अभ्यास करते जाएंगे आपका शरीर लचीला बनता जाएगा जिससे कुछ दिनों के अभ्यास से ही आप इस आसन को आसानी से कर पाएंगे।
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पादहस्तासन करते समय सावधानियां – Padahastasana
अगर नीचे दिए गए लेख में से कुछ समस्या आपके शरीर में है तो पादहस्तासन(Padahastasana) का अभ्यास करने से आपको बचना चाहिए।
- पीठ दर्द या कमर दर्द में इस आसन का अभ्यास करने से बचना चाहिए।
- साइटिका से पीड़ित व्यक्ति को इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए।
- मोतियाबिंद या ग्लूकोमा की समस्या हो तो भी इसका अभ्यास ना करें।
- इस आसन का अभ्यास करते वक्त अगर पीठ या कमर में दर्द हो रहा है तो किसी विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही इसका अभ्यास करें।
- हर्निया या पेट में सूजन हो तो भी इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए।
- हृदय रोग के व्यक्ति को भी इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए।
- गर्भावस्था के दौरान पादहस्तासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
- अगर हाल ही में घुटने या कंधों का ऑपरेशन हुआ है तो इसका अभ्यास करने से बचना चाहिए।
- अल्सर रोग से पीड़ित व्यक्ति को पादहस्तासन ना करने की सलाह दी जाती है।
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