पश्चिमोत्तानासन क्या है – Paschimottanasana in Hindi
पश्चिमोत्तानासन: – यह आसन बैठकर किया जाने वाला एक योगासन हैं। यह दो शब्दों “पश्चिम” और “उत्तानासन” से मिलकर बना हैं। इसमें पश्चिम का अर्थ – पश्चिम दिशा / शरीर के पिछले हिस्से से हैं और उत्तानासन का अर्थ – खींचना हैं।
इस आसन को बैठकर किए जाने वाले महत्वपूर्ण योगासन में से एक माना जाता है।
शरीर में खिंचाव के लिए पश्चिमोत्तानासन को सबसे अच्छा योगासन माना जाता हैं। अंग्रेजी मे इसको Seated Forward Bend Yoga Pose के नाम से भी माना जाता हैं।

पश्चिमोत्तानासन के फ़ायदे – Paschimottanasana ke Fayde
- पश्चिमोत्तानासन(Paschimottanasana) का नियमित अभ्यास से मन शांत होता है और तनाव से भी छुटकारा मिलता है।
- उच्च रक्तचाप(High blood pressure), अनिद्रा(Isomania) और बांझपन(Infertility ) का भी उपचार किया जा सकता है।
- बच्चों के लिए: – पश्चिमोत्तानासन के नियमित अभ्यास से बच्चों के शरीर की हाइट तेज़ी से बड़ाई जा सकती है |
- महिलाओं के लिए: – महिलाओं के लिए तो ये योगासन अत्यंत ही लाभकारी है। महिलाओं के नियमित अभ्यास से इस आसन को करने से उनकों गर्भाशय एवं मासिक धर्म संबंधी संमस्याओं से भी राहत मिलती है।
- पाचन तंत्र को ठीक करने में: – शरीर रोगों से दूर रहे इसके लिए पाचन तंत्र का स्वस्थ रहना बेहद जरूरी हैं। पाचन तंत्र के लिए पश्चिमोत्तासन के फयदे (paschimottanasana ke labh) बहुत अच्छे हैं। पश्चिमोत्तासन से पाचन क्रिया में सुधार होता हैं जिससे कारण भोजन सही से पचता हैं और भोजन से प्राप्त पोषक तत्व शरीर को पूरी तरह से मिलने लगता हैं और खाया-पिया शरीर मे सही से लगने लगता है |
- पीठ दर्द और रीढ़ की हड्डी के लिए फायदेमंद:- इस योग के नियमित अभ्यास से रीढ़ की हड्डी लचीली व मजबूत बनती हैं। क्योकि इस आसन से रीढ़ की हड्डी पर सबसे ज्यादा तनाव पड़ता हैं। जिस वजह से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती हैं और पीठ की मांसपेसियों के लिए भी अच्छा हैं। विशेषज्ञों के अनुसार अगर सही तरीके से इस आसन को रोज किया जाये तो रीढ़ व पीठ दर्द की परेसानी से बचा जा सकता हैं।
- कमर दर्द के लिए फायदेमंद:- पश्चिमोत्तासन (Paschimottanasana ke fayde) कमर की मांसपेसियों के लिए बहोत अच्छे हैं क्योकि यह योगासन कमर की हड्डियों व मांसपेसियों को मजबूत बनाता हैं जिस वजह से कमर मजबूत होती हैं। जिन लोगों को हल्का कमर दर्द रहता हो उन्हें नियमित रूप से इस आसन को करना चाहिये।
- पेट और कूल्हों की चर्बी को कम करने के लिए:- पेट की बढी हुई चर्बी आज के समय मे एक बड़ी समस्या हैं क्योकि ये पर्सनाल्टी पर बुरा प्रभाव डालती हैं, तो वहीं दूसरी ओर अनेक बीमारियों की वजह भी होती हैं। इसके नियमित अभ्यास से पेट की बढी चर्बी या मोटापा पर नियंत्रण पाया जा सकता हैं।
- चेहरे का ग्लो बढ़ाने और मजबूत मांसपेशियों के लिए :- आपको जानकर हैरानी होगी कि पश्चिमोत्तासन (paschimottanasana yogasan ) के अभयास से चेहरे का ग्लो भी बढ़ता हैं क्योकि पश्चिमोत्तासन के अभ्यास से शरीर मे रक्त संचार बढ़ता हैं और चेहरे तक रक्त अच्छी तरह पहुंचता हैं जिस वजह से चेहरे पर प्राकृतिक निखार बढ़ता हैं, चेहरे की झुर्रियां कम होती हैं और चेहरे से जुड़ी कई समश्याएं ठीक होती हैं और योग के प्रतिदीन नियमित अभ्यास से पेट, कमर, हाथ, कंधा, जांघ और कूल्हों की मांसपेसियों पर खिंचाव पड़ता हैं जिससे ये मांसपेशियां लचीली मजबूत होती हैं।
- बवासीर(piles) केलिए:- यह बवासीर समस्या में बहुत फायदेमंद है। यदि आप प्रतिदिन नियम से पश्चिमोत्तानासन करना आपके लिए बहुत लाभदायक साबित होगा। ऐसा करने से आपकी यह समस्या कुछ ही दिनों में ठीक हो जाएगी।
पश्चिमोत्तासन करने का सही तरीका – Paschimottanasana Right Steps in Hindi
- योगा मैट या घास: पर पैरों को आगे की ओर फैलाकर सिधा बैठ जाये।
- गर्दन और कमर को एकदम सीधा रखें।
- आपके दोनों पैर आपस मे सटे और घुटना एकदम सीधा होने चाहिए।
- अब लंबी सांस लेते हुए अपने हाथों को ऊपर की ओर लेजाए।
- और उसके बाद सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुके और अपने हाथों से पैरों की उंगलियों को छूने की कोशिश करें।
- यदि माथे को घुटने से छु पाए तो ऐसा जरूर करें, नहीं तो जहाँ तक झुक पा रहे हो वहीं तक झुकने की कोशिश करें।
- इस दौरान आपके घुटने, कमर और गर्दन एकदम सीधी होनी चाहिए।
- इस अवस्था में कुछ देर रूकने की कोशिश करें तथा इस बीच सांस लेते और छोड़ते रहे।
- अंत में धीरे-धीरे अपने हाथों को ऊपर उठाकर प्रारंभिक अवस्था में आ जाये।
- यह एक चक्र (Step) हुआ।
- इस तरह से आप 4 से 5 चक्र ( Steps ) करें।

पश्चिमोत्तासन योग मे सावधानिया – Paschimottanasana yoga me Savdhaniya
- शुरुआती अभ्यास में जबरदस्ती माथे को घटनों पर लगाने की ज्यादा कोशिश न करें। क्योकि ऐसा करने में थोड़ा समय लगता हैं।
- आपसे जितना संभव हो उतना ही झुके, जबरदस्ती करने पर रीढ़ की हड्डी पर बुरा प्रभाव पड़ सकता हैं।
- शुरुआत में आपके हाथ जहाँ तक भी पहुंचे वही पर रुकने की कोशिश करें। यदि आपके हाथ पैर को न छू पा रहे हो तो भी कोई समस्या नहीं हैं। आप किसी प्रकार की कोई जोर जबरदस्ती न करें।
- इस आसन का अभ्यास करते रहने से कमर और पैरों की मांसपेशियां लचीली होती हैं फीर आप कुछ समय बाद ऐसा करने में समर्थ हो जाएंगे।
- गंभीर कमर दर्द से जूझ रहे लोगों को इस आसन को नहीं करना चाहिए।
- दमा, अल्सर, सिर दर्द, पेट दर्द व दस्त की समस्या से पिडीत लोग को पश्चिमोत्तासन नहीं करना चाहिए या किसी भी प्रकार की गंभीर बीमारी में आसन विशेषज्ञ की देखरेख में ही इस योग को करना चाहिए।
- योग से पहले थोड़ी बॉडी स्ट्रेचिंग अवश्य करें।
- इस आसन को करते समय किसी प्रकार की कोई जोर जबरदस्ती न करें।
पश्चिमोत्तासन से पहले कौन से आसन करें
पश्चिमोत्तासन (seated forward bend yoga pose) के अभ्यास से पहले आपको स्ट्रेचिंग जरूर करनी चाहिए। साथ ही आप यह योगासन भी कर सकते हैं।
- पद्मासन(Padmasana yoga)
- अर्धपद्मासन (Ardha Padmasana Yoga)
- योगमुद्रासन (Yoga Mudrasana)
- गोमुखासन (Gomukhasana)
पश्चिमोत्तासन का वीडियो – Paschimottasana in Hindi
पश्चिमोत्तासन से सम्बंधित पूछे जाने वाले प्रश्न ?
पश्चिमोत्तासन क्या है?
इस आसन में आप अपने पैरों को सीधे रखकर आगे की ओर झुकते हैं और अपने सर से पैर के घुटने को छूने का प्रयास करते है। अगर आप सर से घुटने को नहीं छू पा रहे है तो सिर्फ छूने का प्रयास करे जबरजस्ती ना करे।
पश्चिमोत्तासन के क्या फायदे हैं?
1. पश्चिमोत्तासन मांसपेशियों को खींचने में मदद करता है, जिससे बैक, हिप्स, बाहरी जांघ की मांसपेशियाँ, और कंधों की मांसपेशियाँ संतुलित होती हैं। यह आसन शरीर की उच्चतम रेंज ऑफ मोशन को बढ़ाने में मदद करता है।
2. पश्चिमोत्तासन पाचक क्रिया को सुधारने में मदद करता है।