प्राणायाम क्या है और उसके लाभ | Pranayama Steps and Benefits in Hindi

प्राण क्या है? – What is Pran in Hindi

प्राणायाम (Pranayama ) को जानने व करने से पहले यह जान लेना आवश्यक है कि प्राण क्या है? मानव देह की संरचना 5 तत्वों से हुई है। यह है- पृथ्वी, जल, आकाश, अग्नि, वायु। इन पांच तत्वों में वायु का विशेष महत्व है। इसी वायु के द्वारा शरीर का अस्तित्व है। यही वायु शरीर की त्रिदोषों में से एक है जो स्वास रूप से प्राण कही गई है। इस लेख में सभी Pranayama karne ka tarika और Pranayama ke Fayde के बारे में बताया गया है। साथ ही में एक वीडियो भी शामिल किया गया है जिसे जरूर देखे।

उपनिषदों में इसी प्राण को ब्रह्म कहा गया है। इसका प्रवाह सतत चलता रहता है। जब इसका प्रवाह रुक जाता है तो उस अवस्था को मरण कहते हैं। शरीर मरण अवस्था में अपवित्र होता है। इससे सिद्ध है कि शरीर में परम पवित्र वायु तत्व अर्थात प्राण ही है।

मनुष्य के शरीर में 10 प्रकार के प्राण रहते हैं जिनमें पांच (प्राण, अपान, समान, उदान, व्यान) महाप्राण कहलाते हैं। तथा पांच (नाग, कूर्म, कृकर, देवदत्त, धनञ्जय) लघु प्राण कहलाते हैं।

प्राणायाम क्या है? | Pranayama in Hindi

प्राणायाम मन के शोधन की क्रिया है। प्राणायाम के द्वारा स्वास प्रस्वास की क्रिया पर नियंत्रण किया जा सकता है। यह दो शब्दों के योग से बना है प्राण + आयाम। जिसमे प्राण का अर्थ है शक्ति या बल देना। तथा आयाम का अर्थ उल्टा गमन होता है।

प्राणायाम स्वास्थ्य के माध्यम से उर्जा शरीर के समस्त नाड़ियों में पहुंच जाती है। यह योग के आठ चरणों में चौथा चरण है। प्राणायाम करने से मन में सदैव प्रफुल्लित रहता है। काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, द्वेष, ईर्ष्या, घृणा, दुख, पीड़ा आदि जो कई प्रकार के मानसिक विकार हैं. उन्हें प्राणायाम से दूर किया जा सकता है। इन विकारों के कारण मानसिकता भंग होती है और शरीर में रोग ग्रस्त हो जाता है।

महर्षि पतंजलि ने प्राणायाम को मनोविकार दूर कर निज स्वरूप आत्म दर्शन होने में महत्वपूर्ण सहायक की संज्ञा दी है। महर्षि वेदव्यास का भी यही मत है।

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प्राणायाम के प्रमुख प्रकार | Types of Pranayama in Hindi

इसके अलावा और भी बहुत से प्राणायाम है।(pranayam Ke Charan)

Pranayama in Hindi

प्राणायाम के लाभ | Benefits of Pranayama in Hindi

  •  हमारे शरीर की लगभग 7200 नाडिया शुद्ध हो जाती है।
  •  प्राणायाम योगाभ्याससे शरीर के दोष नष्ट होकर शरीर स्वस्थ व पुष्ट बनता है।
  •  रक्त संचरण सुव्यवस्थित होता है।
  •  फेफड़ों से संबंधित रोग दूर होते हैं।
  •  डिप्रेशन जैसे मानसिक रोग से मुक्ति मिलती है।
  •  हाई और लो रक्तचाप ठीक हो जाता है।
  •  इसका अभ्यास तनाव व अस्थमा में छुटकारा दिलाता है।
  • प्राणायाम शरीर की प्राण शक्ति को बढ़ाता है।
  •  इसके नियमित अभ्यास से आयु लंबी होती है।
  •  इम्यून सिस्टम बहुत मजबूत हो जाता है।
  •  कई केसों में कैंसर तक ठीक हो गया है।
  •  डायबिटीज, हृदय रोग, अनिद्रा रोग में लाभ पहुंचाता है।
  •  किसी भी प्रकार की एलर्जी खत्म हो जाती है।
  •  पाचन क्रिया मजबूत बनती है।
  •  स्वप्न दोष जैसे रोग नष्ट होते हैं और वीर्य में वृद्धि होती है।

प्राणायाम करने का तरीका | How to do Pranayam in Hindi

  • प्रातः काल सूर्योदय के समय भूमि पर आसन लगाकर किसी भी मुद्रा में बैठ जाएं।
  • कुछ देर बैठ कर गहरी सांस लें और छोड़ें और खुद में सकारात्मक भाव रखें और ऊर्जावान महसूस करें।
  • योग शास्त्रों के अनुसार स्वास खींचने को पूरक, बाहर निकालने को रेचक व सांस रोकने को कुंभक कहते हैं।
  • आंखें बंद कर ले, दृष्टि को आज्ञा चक्र पर केंद्रित करें, शरीर सीधा रखें व दिमाग शांत रखें।
  • नियम है कि जितने समय तक पूरक करें उससे चौगुना कुंभक व दोगुना रेचक करें। अथवा जितने समय पूरक करें उससे दोगुना कुंभक व दुगुना ही रेचक करें।
  • इसके अलावा प्राणायाम(Pranayama) की किसी और भी प्रकार का अभ्यास कर सकते हैं।
  • धीमी गति से सांस लें और खुद में सकारात्मक भाव रखें।

प्राणायाम करते समय सावधानी | Pranayam karte samay savdhani

  • अगर अस्थमा या किसी भी प्रकार सांस लेने में तकलीफ हो रही हो तो अभ्यास ना करे।
  •  प्राणायाम(Pranayama) करने से पहले सकारात्मक भाव रखें और शरीर शुद्ध होना चाहिए।.
  •  बैठने के बाद रीड की हड्डी व गर्दन सीधी रखें।
  •  प्राणायाम करते समय किसी भी प्रकार का तनाव ना लें।
  •  गर्भवती महिलाओं को कुछ प्राणायाम नहीं करने चाहिए अतः योगाचार्य के निरीक्षण में ही करें।
  •  रक्तचाप अधिक हो तो ज्यादा तेजी से सांस ना ले।(Pranayama in hindi)

प्राणायाम का वीडियो

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