सेतुबंध आसन – Setu Bandhasana In Hindi
योग एक ऐसा क्रिया या अभ्यास है जिसे किसी भी आयु में किया जा सकता है। योग से आयु संबंधी सभी समस्याओं पर भी नियंत्रण किया जा सकता है। तो आईये जानते है इस तथ्य को सेतुबंध आसन कैसे सिद्ध करता है।
बढ़ती उम्र के साथ, वृद्धावस्था तक आते-आते पाचन शक्ति का कमज़ोर होना, स्नायु प्रणाली का असंतुलित या अनियंत्रित होना, श्वास लेने में दिक्कत आना और रक्त्त संचार ठीक से न होना ऐसे सत्य हैं जिनसे बच पाना तो मुश्किल है सिवाय योग के अर्थात यदि कोई व्यक्ति प्रतिदिन नियमित रूप से योग करता है या वृद्धावस्था में भी करता है तो वह व्यक्ति इन सभी समस्या से दूर रहता है।
सेतुबंध आसान भी इन्ही योग अभ्यास का हिस्सा है जिसके अभ्यास से आप हमेसा फिट रहेंगे । सेतुबंध आसन अंग्रेजी में ब्रिज पोज़ के नाम से जाना जाता है, क्योंकि इसका आकार कुछ ब्रिज के समान दीखता है। सेतुबंध आसान पीठ के बल पर लेट कर किए जाने वाले आसनों में से एक है।
सेतुबंध आसन करने का तरीका – Setu Bandhasana Steps In Hindi
सेतुबंध आसन – Setu Bandhasana Bridge Pose
इस आसन को करने की विधि बहुत ही आसान है। यह आसन खासतौर पर जिनको कमर दर्द की शिकायत है उनके लिए बहुत ही लाभदायक है। Bridge Pose In Hindi
- सबसे पहले आप पीठ के बल आराम से लेट जाईये ।
- फिर अपने घुटनों को मोड़े ताकि यह रीढ़ की हड्डी के 90 डिग्री पर हो।
- सांस लेते हुए अपने कमर को अपने के हिसाब से ऊपर उठाए।
- इस अवस्था में 20-30 सेकंड तक बने रहिये।
- जब आप आसन धारण करते है तो आराम से सांस ले और आराम आराम से सांस छोड़े।
- फिर सांस छोड़ते हुए ज़मीन पर आये।
- यह प्रक्रिया एक चक्र हुआ और इसे आप 3 से 5 बार आराम से कर सकते हैं।

सेतुबंध आसन के लाभ – Setu Bandhasana Benefits In Hindi
- रक्त्त संचार बेहतर होता है।
- सिर दर्द व कमर दर्द, तनाव एवं अनिद्रा दूर करने में उपयोगी है।
- पाचन शक्ति दुरुस्त करता है।
- मन शान्त रहता है। (Benefits Of Setu Bandhasana in Hindi)
- मेरूदण्ड(रीढ़ की हड्डी ) की लचक बढ़ता है व मांसपेशियाँ सक्रिय होती हैं।
- फेफड़ों और थाइरायड ग्रन्थि को प्रभावित कर उनकी कार्यक्षमता को बढ़ाता है।
- छाती और गर्दन की जकड़न को दूर करता है।
- जंघाओं को सशक्त्त करता है।
- सेतुबंध के अभ्यास से किडनी को स्वस्थ रख सकते हैं.
- इसके के अभ्यास से अस्थमा में बहुत हद तक फायदा मिल सकता है.
- इस योगाभ्यास से पेट की चर्बी को कम किया जा सकता है व् वजन घटाया जा सकता .
- जो व्यक्ति दिनभर कंप्यूटर या लैपटॉप पर बैठकर काम करते हैं उनके लिए यह आसन काफी अच्छा रहता है। इस योगाभ्यास से कंधों से लेकर घुटने तक की मसाज /व्ययाम हो जाता है।

सेतुबंध आसन की सावधानियाँ – Setu Bandhasana Contraindications In Hindi
- सेतुबंध हाइपर एक्टिव थाइरोइड वाले मरीजों को नहीं करना चाहिए।
- अगर आप ब्लड प्रेशर के मरीज हैं तो इस अभ्यास को करने से बचना चाहिए।
- गर्दन की दर्द ज्यादा होने पर इस आसन को नहीं करना करना चाहिए।
- घुटने में दर्द हो तो भी इस आसन को करने से बचें।
- अगर कंधे में दिक्कत हो तो इस योग न करे।
- पैर व घुटनों में फासला व समानता बनायें रखें।
- पैरों को ज़मीन पर अच्छे से टिकाते हुये घुटने तक के हिस्से को सीधा रखें।
- छाती को ठुड्डी की तरफ लायें ना कि ठुड्डी को छाती की तरफ।
- गर्दन को ज़मीन से न लगाए।
- मासिक धर्म के दिनों में व गर्भवती महिला इस आसान का अभ्यास ना करें।
- यदि कमर / गर्दन में किसी प्रकार का दर्द है तो इस आसन को न करें।
सेतुबंध आसन के पहले किया जाने वाला योगासन – Setu Bandhasana Ke Pahle Kiya Jane Vala Yogasana
- बलासन (Balasana / Child Pose)
- गरुड़ासन (Garudasana / Eagle Pose)
- भुजंगासन (Bhujangasana / Cobra Pose)