[शवासन क्या है , शवासन कैसे करे , शवासन के लाभ , शवसना करते समय शवधानिया , शवासन का वीडियो (Shavasana in Hindi, Shavasana benefits in Hindi, shavasana procedure benefits and contraindicationsin Hindi, shavasana image, shavasana kaise kare)]
शवासन क्या है – Shavasana in Hindi
शवासन का नाम संस्कृत के “शव” शब्द पर रखा गया है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है मृतक शरीर या लाश। अर्थात अपने शरीर को शव के सामान बना लेने के कारण ही इसको शवासन कहा जाता है। शवासन विश्राम की मुद्रा है और अधिकांश पूरे योगासन क्रम होने के पश्चात ही इसे किया जाता है। यह आसन शरीर को शिथिल करने वाला आसन है और शरीर, मन और आत्मा को स्फूर्ति प्रदान करता है। ध्यान लगाने के लिए इसका सुझाव नहीं दिया जाता क्योंकि इससे आपको नींद भी आ सकती है।
इस लेख में शवासन करने का तरीका, फायदे और बरतने वाली सावधानियों के बारे में बताया गया है साथ ही साथ इस आसन से संबंधित एक वीडियो भी साझा किया गया है जिसे देखना ना भूलें।
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शवासन करने के फायदे – Shavasana Benefits in Hindi
शवासन के लाभ इस प्रकार है.. Shavasana Ke Fayde –
- ध्यान और तनाव में
शवासन के अभ्यास से व्यक्ति एक गहरी ध्यान के स्थिति में पहुंच जाता है जो शरीर को तनाव से मुक्त करता है। यह शरीर को न सिर्फ रिलैक्स करता है बल्कि मेडिटेशन की स्थिति में ले जाता है। शरीर की कोशिकाएं एक्टिव हो जाती हैं जैसे स्ट्रेस से छुटकारा पाने में मदद मिलती है। - ऊर्जा और स्फूर्ति
शवासन ना सिर्फ शरीर को शांत करता है बल्कि उर्जा से भी भरपूर बना देता है। कठिन वर्कआउट के बाद इसका अभ्यास करने से शरीर रिलैक्स होता है और एक नई ऊर्जा मिलती है। - रक्तचाप कम करने में
इसके अभ्यास से जब शरीर शांत जाकर आराम की मुद्रा में होता है तो आपका ब्लड प्रेशर भी गिरता है। यह मन की चंचलता और शरीर की बेचैनी को भी दूर करता है। - एकाग्रता और मेमोरी में शवासन एक प्रकार के मैडिटेशन की क्रिया है जिससे फोकस और एकाग्रता को बढ़ाने में भी मदद मिलती है। जब आप शवासन की मुद्रा में होते हैं तो अपना ध्यान शरीर के हर हिस्से पर पर ले जाएं और उसे महसूस करें जिससे एकाग्रता और याददाश्त को बढ़ाने में मदद मिलती है।
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शवासन करने का तरीका – Shavasana Procedure in Hindi
- किसी खुले वातावरण में योगा मैट बिछाकर लेट जाए। ध्यान रहे हैं आंखें बंद होनी चाहिए।
- दोनों पैरों के बीच थोड़ा गैप करें और इस बात का ध्यान रखें कि आप पूरी तरह से रिलैक्स हो।
- आपके दोनों पैर के अंगूठे साइड की तरफ झुके होने चाहिए।
- आपके दोनों हाथ आपकी कमर के पास होने चाहिए हथेलियों को खुला रखें और दिशा आकाश की तरफ हो।
- अब धीरे-धीरे शरीर के हर अंगों को महसूस करना शुरू करें। सबसे पहले पैर के अंगूठे को महसूस करे फिर इसके बाद घुटने और ऐसे ही सिर तक आए।
- शरीर को महसूस करते वक्त सांस लेने की गति को धीमी रखें और धीरे-धीरे मेडिटेशन में जाए। ध्यान रहे शवासन करते हुए कभी भी सोना नहीं है।
- सांस लेने की गति धीमी लेकिन गहरी होनी चाहिए इस शरीर को काफी रिलैक्स मिलता है। इस अभ्यास को करते हुए महसूस होगा कि शरीर में एक नई प्रकार की ऊर्जा का संचार हो रहा है।
- शवासन का अभ्यास करते वक्त शरीर में किसी भी प्रकार का तनाव ना रखें तभी इसका पूरा लाभ मिलेगा।
- 8 से 10 मिनट के बाद शरीर पूरी तरह से रिलैक्स हो जाएगा और आप एक नई ताजगी और स्फूर्ति को महसूस करेंगे।
- इसके बाद अपनी आंखें खोल कर सुखासन की स्थिति में बैठ जाए।

शवासन से पहले करने वाले आसन
सभी आसन शवासन से पहले ही होते हैं इसके बाद शवासन का अभ्यास किया जाता है।
शवासन के बाद करने वाले आसन
शवासन करने के बाद कोई भी आसान ना करें क्योंकि आपके हर योगाभ्यास का अंत शवासन से ही होना चाहिए।
शवासन का अभ्यास कितनी देर करें
शवासन का अभ्यास न्यूनतम 1 से 2 मिनट तक तो करना ही चाहिए या तो फिर अलग से समय निकाल पाए तो 20 से 30 मिनट तक भी इसका अभ्यास कर सकते हैं। विशेषकर इसका अभ्यास थक जाने के बाद या सोने से पहले करना चाहिए। (Shavasana Benefits in Hindi)
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शवासन करते समय सावधानियां- Contraindications of Shavasana in Hindi
शवासन का अभ्यास कोई भी किसी भी उम्र वर्ग के लोग कर सकते हैं फिर भी कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
*इसका अभ्यास करते वक्त आंखें बंद होनी चाहिए हाथ को कमर से कुछ दूरी पर रखना है और पैरों में एक से डेढ़ फीट की दूरी रखें।
- अभ्यास करते वक्त शरीर के किसी भी अंग को हिलाना डुलाना नहीं चाहिए आंखें बंद करके शरीर को महसूस करना चाहिए।
- कमर या हिप्स में दर्द हो तो इस स्थिति में घुटने के नीचे एक तकिया रख सकते हैं।
- शवासन का अभ्यास कर लेने के पश्चात बैठकर दोनों हाथों की हथेलियों को आपस में रगड़िए और इसकी गर्मी को आंखों को धारण कीजिए। आप परम शांति का अनुभव करेंगे।