शीतकारी प्राणायाम करने का तरीका, फायदे | Sheetkari Pranayama Steps, Benefits In Hindi

शीतकारी का अर्थ है ‘ठंडा’। यानी ऐसी चीज जिससे हमारे तन और मन को ठंडक मिले। इस प्राणायाम को करते समय मुख से ‘सीत’ शब्द की ध्वनि निकलती है, इसीलिए इस प्राणायाम का नाम शीतकारी प्राणायाम(Sheetkari Pranayama) पड़ा। शीतकारी प्राणायाम शीतली प्राणायाम से काफी मिलता-जुलता है। इस प्राणायाम से तन और मन में शीतलता आती है। इसका प्रभाव शीतली प्राणायाम के समान ही होता है लेकिन दोनों प्राणायाम अलग-अलग हैं। यह प्राणायाम करने में बेहद सरल है और इसे किसी भी उम्र के व्यक्ति कर सकते हैं। शीतकारी प्राणायाम का उल्लेख “हठयोग प्रदीपिका” में भी मिलता है।

इस लेख में शीतकारी प्राणायाम करने का तरीका उससे होने वाले फायदे और सावधानियों के बारे में बताया गया है। साथ ही साथ शीतकारी प्राणायाम करते हुए एक वीडियो भी साझा किया गया है जिसे देखना ना भूलें।

और पढ़े :- शीतली प्राणायाम के फायदे

शीतकारी प्राणायाम करने का तरीका – Sheetkari Pranayama Steps in Hindi

इस प्राणायाम को करना बहुत ही आसान है इसे करने का तरीका इस प्रकार है..

  1. सबसे पहले योगा मैट बिछाकर पद्मासन या किसी आरामदायक मुद्रा में बैठ जाएं।
  2. आंखें बंद करके शरीर को रिलैक्स करें और अपने हाथों को ज्ञान मुद्रा में रखें।
  3. अब अपने नीचे के जबड़े के दांतो को एक दूसरे के ऊपर रखें।
  4. अब अपने दांतो के पीछे से अपनी जीभ को लगाएं और अपना मुंह थोड़ा खुला रखें। ताकि श्वास लेने पर श्वास अंदर आ सके।
  5. अब अपनी जीभ को पीछे की ओर मोड़ कर तालु से जीभ के अगले भाग को लगा ले।
  6. अब अपने दांतो के बीच से श्वास को धीरे धीरे अंदर ले।
  7. श्वास इस तरह से ले की ‘सी’ की आवाज हो।
  8. अब अपने श्वास को कुछ क्षणों तक रोककर रखें फिर बाद में नाक से छोड़ दें।
  9. इस क्रिया को 15 से 20 बार दोहराएं।

इस प्राणायाम का अगर रोज अभ्यास करेंगे तो आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। सुबह या शाम के समय खाली पेट इस प्राणायाम का अभ्यास कर सकते हैं। गर्मी के दिनों में इस प्राणायाम का अभ्यास ना करें। ठंड के दिनों में कम से कम अभ्यास करें।

और पढ़े :- योगासन से पूर्व सावधानियां

शीतकारी प्राणायाम के फायदे – Sheetkari Pranayama Benefits in Hindi

शीतकारी प्राणायाम के लाभ इस प्रकार हैं..

रक्त संचार बढ़ाएं
इस प्राणायाम के नियमित अभ्यास से शरीर की रक्त संचार की क्रिया प्रणाली में सुधार होता है जिससे फेफड़े या दिल से संबंधित बीमारियां दूर होती हैं।

भूख और प्यास
भूख और प्यार को नियंत्रित करने में कारगर माना जाता है।

ऑक्सीजन की मात्रा
इसके नियमित अभ्यास से शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है। फेफड़ों में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचती रहती है।

तनाव कम करता है
इसका अभ्यास संपूर्ण शरीर को शांत करता है इसलिए इसे सोने से पहले किया जाए तो नींद अच्छी आती है। इसके अलावा तनाव से निजात पाने में कारगर है।

चेहरे पर चमक
नियमित रूप से इसके अभ्यास से चेहरे पर प्राकृतिक चमक ला सकते हैं क्योंकि इसके अभ्यास से ब्लड सरकुलेशन बढ़ता है।

क्रोध नियंत्रित करें
जिस व्यक्ति को बार-बार क्रोध आता है उनको इस प्राणायाम का अभ्यास जरूर करना चाहिए।

मुंह की बीमारी
इसके अभ्यास से दांत और मसूड़े हमेशा स्वस्थ बने रहते हैं।

पाचन शक्ति बढ़ाएं
यह पेट से संबंधित समस्या को दूर करता है जैसे पेट में जलन या गैस की समस्या। इसके अभ्यास से पाचन शक्ति दुरुस्त बनी रहती है।

शीतकारी प्राणायाम करने में सावधानी – Sheetkari Pranayama Precaution in Hindi

किसी भी योग और प्राणायाम करने से पहले उसकी सावधानियों के बारे में जान लेना अति आवश्यक है ताकि किसी दुष्परिणाम का सामना ना करना पड़े।

  1. इस प्राणायाम का अभ्यास हमेशा सुबह या शाम में खाली पेट ही करना चाहिए।
  2. ठंड के मौसम में इस प्राणायाम का अभ्यास ना करें या अगर करते भी हैं तो कम से कम करें।
  3. खासी या मुंह के टांसिल से पीड़ित व्यक्ति को इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए।
  4. श्वास से संबंधित कोई बीमारी हो तो भी इसका अभ्यास ना करें।
  5. निम्न रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति को भी इस प्राणायाम का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
  6. हृदय रोग से पीड़ित व्यक्ति ज्यादा देर तक सांस ना रोके।
  7. हाल ही में मुंह में या दांत में किसी प्रकार की सर्जरी हुई हो तो भी इसका अभ्यास ना करें।
  8. बुजुर्ग जिनके दांत काफी कमजोर या जिन लोगों दांत नहीं होते उन लोगों को शीतकारी प्राणायाम का अभ्यास नहीं करना चाहिए। आप इसकी जगह शीतली प्राणायाम का अभ्यास कर सकते हैं।

और पढ़े :- बाह्य प्राणायाम के फायदे

शीतकारी प्राणायाम का वीडियो – Sheetkari Pranayama Video in Hindi

Sheetkari Pranayama Video in Hindi

होम पेज पर जाये

Tags: Sheetkari Pranayama in HindiSheetkari Pranayama Steps and Benefits in Hindi, fayde, labh, Hissing Breath, Hindi

Leave a Comment