[Surya Namaskar In Hindi, 12 Poses of Surya Namaskar in Hindi, Benefits of Surya Namaskar in Hindi, Sun Salutation in Hindi]
सूर्यनमस्कार – Surya Namaskar In Hindi
Surya Namaskar (Sun Salutation) योग आसनों में सर्वश्रेष्ठ है। ‘सूर्य’ ‘और नमस्कार’ ‘प्रणाम’ दो शब्दों से मिलकर बना है। जिसका अर्थ होता सूर्य का अभिवादन करना | इस योग में लगभग सभी आसनों का समावेश है। सूर्य नमस्कार साधक को संपूर्ण लाभ पहुंचाने में समर्थ है। इसके अभ्यास से साधक का शरीर निरोग और स्वस्थ होकर तेजस्वी हो जाता है।
सूर्य नमस्कार का अभ्यास 12 स्थितियों में किया जाता है। तो आइए आज के इस लेख में सूर्य नमस्कार(Surya Namaskar) करने का तरीका, उसके फायदे और बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बात करते हैं। और हां Sun Salutation से संबंधित एक वीडियो भी आपके साथ साझा किया गया है जिसे यह लेख पढ़ने के बाद देखना ना भूलें।
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सूर्यनमस्कार करने का तरीका – 12 Poses of Surya Namaskar in Hindi
- प्रणामासन(प्रार्थना मुद्रा) – Pranamasana (Prayer pose):- पहले सावधान की मुद्रा में खड़े हो जाएं, फिर दोनों हाथों को कंधों के समानांतर उठाते हुए दोनों हथेलियों को ऊपर की ओर ले जाएं। हथेलियों के पृष्ठ भाग एक दूसरे से चिपके रहे, फिर उन्हें उसी स्थिति में सामने की ओर लाएं। तत्पश्चात नीचे की ओर गोल घुमाते हुए नमस्कार की मुद्रा में खड़े हो जाएं।
- हस्त-उत्तनासन (Rased arms Pose):- सांस भरते हुए दोनों हाथों को कानों से हटाते हुए ऊपर की ओर ताने तथा कमर के पीछे की ओर झुकाते हुए भुजाओं और गर्दन को भी पीछे की ओर झुकाए। यह अर्ध चक्रासन की स्थिति मानी गई है।
- पादहस्तान (Padhastasana)- Hand to Foot Pose:- अब आगे झुकते हुए अपने हाथ की हथेलियों को पैरों के पास जमीन पर रखें। और अपने सिर को घुटनों से मिलाए। ध्यान रहे कि आपके घुटने बिल्कुल सीधे होने चाहिए।
- अश्व-संचालन Ashwa Sanchalanasana- Equestrian Pose :- इस आसन में अपने हथेलियों को जमीन पर ही रहने दें। अब दाएं पैर को पीछे ले जाएं और अपनी गर्दन को ऊपर उठाएं । इसी अवस्था में कुछ सेकेंड तक रहे।
- दंडासन Dandasana- Plank Pose:- इस आसन में अब दाएं के बाद बाएं पैर को भी पीछे लाते हैं और संपूर्ण शरीर को सीधी रेखा में रखें। हथेलियां जमीन पर और दृष्टि अपने हथेलियों के बीच ही रहेगी।
- अष्टांग नमस्कार (Ashtang Namaskara) -Salute with eight parts:- इस आसन में अब अपने पूरे शरीर को जमीन की तरफ लाते हैं जिसमें ठुड्ढी, छाती, हथेली, घुटना व पैर जमीन से सटे होंगे। इसमें हिप पार्ट को उठा कर रखना है।
- भुजंगासन Bhujangasana- Cobra pose):- इस आसन में सिर को अपनी सामर्थ्य के अनुसार पीछे की ओर ले जाते हैं। और हथेलियां कंधे के पास ही जमीन पर रहती हैं। पैरों के तलवे आकाश की तरफ खुले होते हैं।
- पर्वतासान Parvatasana- Mountain Pose:- इस आसन में अपने हिप के पार्ट को ऊपर की तरफ उठाते हैं। जिससे एक पर्वत का आकार बन जाए तथा पैर के पंजे जमीन से सटे होंगे।
- अश्व-संचलान Ashwa Sanchalanasana- Equestrian Pose:- इस आसन में हम दाएं पैर को आगे लाकर अपनी हथेलियों के बीच रखेंगे। अपने सिर को उठा कर रखेंगे।
- पादहस्तान(Padhastasana) – Hand to Foot Pose:- इस आसन में सिर को आगे की ओर झुका कर घुटने से स्पर्श करने का प्रयास करेंगे और हथेलियां जमीन पर ही होंगी। इस प्रकार हम तीसरी अवस्था को प्राप्त करेंगे।
- हस्त-उत्तनासना -Raised arms Pose:- अब अपनी हथेलियों को जमीन से हटाकर शरीर को सीधा करके अपने हाथों और कंधों को पीछे की ओर ले जाते है। इस प्रकार दूसरी अवस्था को प्राप्त करते हैं।
- प्रणामासन(प्रार्थना मुद्रा)- Prayer Pose:- इस आसन में हम बिल्कुल सीधा होकर अपने पैरों को मिलाकर और दोनों हथेलियों को जोड़कर नमस्कार की मुद्रा में खड़े हो जाएं।
यहां Surya Namaskar के 12 स्थितियों का चक्र पूरा होता है।
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सूर्य नमस्कार के लाभ – Benefits of Surya Namaskar in Hindi
- Surya Namaskar इकलौता आसन है जो संपूर्ण शरीर को लाभ प्रदान करता है।
- यह आसन हमारे शरीर को बिल्कुल लचीला बना देता है।
- हमारी सभी कोशिकाओं और ग्रंथियों को स्वस्थ बनाकर हमें ऊर्जावान बना देता है।
- शरीर की अनावश्यक चर्बी को कम कर पाचन शक्ति को भी बढ़ाता है।
- यह हमें मानसिक और शारीरिक बीमारियों से बचाकर रुकी हुई नसों को खोल देता है।
- स्मरण शक्ति को बढ़ाता है।
- वजन कम करने में मदद मिलती है। इसके साथ ही, Surya Namaskar पेट की मांसपेशियों को भी सुड़ोल बनाता है।
- रक्त प्रवाह में सुधार होता है। और शरीर मे हार्मोन का संतुलन बना रहता है।
- सूर्य नमस्कार करते समय सावधानियां | Surya Namasakar (Sun Salution) Precautions in Hindi
- गर्भवती महिलाओं को सूर्यनमस्कार बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
- हाई बीपी के रोगी को Surya Namaskar किसी योग विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार ही करना चाहिए।
- शरीर में किसी भी प्रकार का ऑपरेशन होने पर 6 माह तक इसे ना करें।
- अगर शरीर में कोई फ्रैक्चर है रीढ़ की हड्डी में कोई दिक्कत हो तो सूर्य नमस्कार किसी विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही करें।

NOTE:-
- इसे हमें युग की शुरुआत में ही करना चाहिए जिससे योग करने में आसानी हो जाए।
- सूर्य नमस्कार स्नान के बाद ही करें तथा करते समय चेहरे पर मुस्कुराहट रखें।
- सूर्य नमस्कार को महिलाओं के गर्भावस्था और मासिक धर्म के दौरान नहीं करना चाहिए |
- सूर्य नमस्कार को हमेशा खाली पेट ही करना चाहिए |
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