Suryabhedi Pranayama, सूर्यभेदी प्राणायाम करने का तरीका – Method to Do Suryabhedi pranayam , Surya Bhedana Pranayama Benefits, suryabhedan pranayam
जिस प्रकार हमें सूर्य से ऊर्जा मिलती है उसी प्रकार सूर्यभेदी प्राणायाम का अभ्यास करने से भी हमारे शरीर में उर्जा आ जाती है। सांस लेने के लिए मनुष्य के पास दो नासिकाएं होती हैं जिनमें बाएं नासिका को चंद्र नाड़ी और दाहिनी नासिका को सूर्य नाड़ी के नाम से जाना जाता है। सूर्य नाड़ी से ही जुड़ा है सूर्यभेदन प्राणायाम।
सूर्यभेदन प्राणायाम क्या है ? – Suryabhedi Pranayama in Hindi
सूर्यभेदन प्राणायाम दो शब्दों से मिलकर बना है जिसमें पहला शब्द “सूर्य” जिसका अर्थ सूरज और दूसरा शब्द “भेदन” जिसका अर्थ किसी चीज को छेदने से होता है। लेकिन इस प्राणायाम में सूर्य को भेदने की बात नहीं हो रही है बल्कि इसका तात्पर्य शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव से लिया गया है। इस क्रिया को दाहिनी नाक से किया जाता है जिसमें नाक के दाएं छिद्र को सूर्य स्वर और बाएं को चंद्र स्वर कहा जाता है। दाहिनी नासिका से सांस अंदर लेने की प्रक्रिया में उर्जा पिंगला नाड़ी यानी कि सूर्य नाड़ी से होकर बहती है। और वही बाएं नासिका से सांस छोड़ने से ऊर्जा चंद्र नाड़ी से बहती है।
और पढ़े :- बाह्य प्राणायाम के फायदे
सूर्यभेदी प्राणायाम करने का तरीका – Suryabhedi Pranayama karne ka tarika
सूर्यभेदी प्राणायाम करने की दो विधियां हैं जिनमें से आप कोई भी कर सकते हैं।

सूर्यभेदी प्राणायाम की पहली विधि
- सबसे पहले योगा मैट बिछाकर पद्मासन या सुखासन की मुद्रा में बैठ जाएं।
- अपने बाएं हाथ को घुटने पर रखी और ज्ञान मुद्रा (तर्जनी अंगुली और अंगूठे को आपस में जोड़ ले) को अपना ले।
- अपनी बाईं नासिका को बंद करके दाई नासिका से धीरे-धीरे श्वास को अंदर ले।
- इसके बाद अपने दाहिनी नासिका को बंद करके बाएं नासिका से स्वास को बाहर छोड़े।
- इस क्रिया को 10 से 15 बार दोहराएं।
- आप अपनी क्षमता अनुसार इसे 25 से 30 बार भी कर सकते हैं।
और पढ़े :- कर्नापीड़ासन के फ़ायदे
सूर्यभेदी प्राणायाम करने की दूसरी विधि – Second Method to Do Suryabhedi Pranayama
- पहले की तरह योगा मैट बिछाकर पद्मासन में बैठ जाए।
- अपने बाएं हाथ को ज्ञान मुद्रा में रखें।
- अपने दाएं हाथ से बाएं नासिका के द्वार को बंद कर ले।
- अब दाहिनी नासिका से ही श्वास को अंदर भरें और कुछ देर रुक कर दाहिनी नाक से ही सांस को बाहर भी छोड़ दें।
- इस प्रक्रिया को आप २० से २५ बार कर सकते है।
सूर्यभेदी प्राणायाम के फायदे – Suryabhedi Pranayama Benefits in Hindi
सूर्यभेदन प्राणायाम को अगर सही विधि से किया जाए तो इसके बहुत सारे फायदे हैं। जानिए इसके फायदों के बारे में..

पाचन क्रिया बढ़ाएं
सूर्यभेदी प्राणायाम को करने से पाचन शक्ति में विकास होता है और पेट संबंधी विकार दूर होते हैं। पेट में बन रही गैस की समस्या भी काफी हद तक दूर हो जाती है।
कफ का संतुलन बनाएं
रोज इस प्राणायाम के अभ्यास से शरीर में गर्मी बढ़ती है जिससे शरीर में असंतुलित कफ का संतुलन सही हो जाता है। इस वजह से कब से होने वाली बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है।
आंतो की समस्या
अगर किसी व्यक्ति को आंत से जुड़ी समस्या है तो उनको सूर्यभेदन प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए। क्योंकि इसके अभ्यास से पाचन तंत्र ठीक रहता है।
इम्यूनिटी बढ़ाता है
आज के समय में शरीर में बहुत ज्यादा बन रहे कफ और तनाव की वजह से ही इम्यूनिटी कमजोर होती जा रही है। इसके लिए सूर्यभेदन प्राणायाम करने से शरीर में प्राण वायु बढ़ती है जिससे इम्यूनिटी की समस्या समाप्त हो जाती है।
साइनस में फायदेमंद
हठयोग के अनुसार सूर्यभेदन प्राणायाम का अभ्यास करने से सांस संबंधी सभी रोग दूर हो जाते हैं।
निम्न रक्तचाप
नियमित रूप से सूर्यभेदन प्राणायाम का अभ्यास करने से ब्लड प्रेशर का संतुलन बना रहता है। जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या रहती है उन्हें इस प्राणायाम को नहीं करना चाहिए।
त्वचा पर निखार
यह प्राणायाम बढ़ती उम्र में होने वाली झुर्रियों से भी निजात दिलाता है। चेहरे पर एक अलग प्रकार का निखार आता है।
फेफड़ों के लिए
इसके अभ्यास में जब हम सांस को अंदर भरते हैं तो फिर फेफड़ों में प्राण वायु का संचार होता है जिससे फेफड़े से संबंधित सभी समस्या दूर हो जाती है।
सूर्यभेदी प्राणायाम करते समय सावधानियां – Precaution For Surya Bhedi Pranayama
किसी भी योग और प्राणायाम करने से पहले उसकी सावधानियों के बारे में जान लेना आवश्यक है जिन्हें हम बता रहे हैं..
- हृदय रोग से पीड़ित व्यक्ति इस प्राणायाम का अभ्यास बिल्कुल ना करें।
- उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति को भी इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए।
- इस प्राणायाम का अभ्यास करने से शरीर में गर्मी बढ़ती है इसलिए बुखार होने की स्थिति में इसे ना करें।
- इस प्राणायाम को करते हुए जितनी देर तक सांस रोक सके उतना ही देर रोके। अपनी क्षमता से अधिक रोकने की कोशिश ना करें।
- मिर्गी रोग से पीड़ित व्यक्ति को भी इस प्राणायाम का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
सूर्यभेदी प्राणायाम का वीडियो – Suryabhedi Pranayama Video in Hindi
Tags: Surya bhedi, Suryabhedi Pranayama Video, suryabhedan pranayam, surya bhedana pranayama benefits