वज्रासन क्या है (परिभाषा) | Vajrasana in Hindi
वज्रासन (Thunderbolt pose) नाम संस्कृत शब्द के वज्र शब्द पर रखा गया है जिसका मतलब है आकाश में गिरने वाली बिजली।आसन, जिसका मतलब बैठने की मुद्रा। इसे डायमंड पोज भी कहां जाता है यह ऐसा आसान है जो भोजन खाने के बाद भी कर सकते हैं।
वज्रासन में बैठकर प्राणायाम , कपालभाती और अनुलोम-विलोम किया जा सकता है।
ज्यादातर योगासन खाली पेट किए जाते हैं लेकिन वज्रासन ऐसा आसान है जिसे खाने के बाद भी कर सकते हैं। खाने के बाद वज्र आसन का अभ्यास जरूर करें।
इस लेख में वज्रासन करने का तरीका , वज्रासन करने के फायदे और उससे जुड़ी कुछ जानकारी बताई गई है जिसे ध्यान पूर्वक पढ़े..
वज्रासन करने का तरीका | Vajrasana (Thunderbolt pose) Karne Ka Tarika
- जांघो(Thigh) को वज्र के समान कठोर करके पैरों को मोड़े।
- दोनों तलवे नितंबों के नीचे लगा कर बैठ जाए।
- अब दोनों पैरों के अंगूठे को साथ में मिलाएं और एड़ियों को अलग रखें।
- इस प्रकार पैरों के अंगूठे से लेकर घुटनों तक का भाग भूमि को स्पर्श करता रहेगा।
- रीड की हड्डी ,गर्दन तथा थोड़ी को सीधा रखें और हाथों को घुटने पर टिकाए।
- आंखें बंद कर लें और सामान्य रूप से स्वास लेते व छोड़ते रहे।
- वज्रासन को जितना संभव हो उतनी देर तक आप कर सकते हैं लेकिन इसे भोजन के तुरंत बाद करने से पाचन क्रिया तीव्र होती है।

वज्रासन के लाभ | Vajrasana Benefits in Hindi
- वज्रासन (Vajrasana yoga) को करने से पाचन तंत्र में सुधार होता है जिसके नियमित अभ्यास से कब्ज खत्म होता है।
- गर्भवती महिलाएं इस आसन को करते समय अपने घुटनों में थोड़ा अंतर बनाकर रखें ताकि पेट पर दबाव ना पड़े।
- हर्निया होने से रोकता है तथा बवासीर में भी राहत मिलती है।
- यह महिलाओं के प्रसव में सहायता करता है और मासिक धर्म जैसे विकारों को दूर करता है।
- भोजन करने के बाद इस आसन में कुछ देर तक बैठने पर भोजन शीघ्र पच जाता है।
- इस आसन से घुटनों में बल आता है तथा काम शक्ति में वृद्धि होती है।
- काम भावना पर नियंत्रण तथा शीघ्रपतन में भी सुधार होता है।
- साइटिका से पीड़ित लोगों के लिए विशेष रूप से लाभदायक है।
वज्रासन करते समय सावधानियां- Vajrasana (Thunderbbolt pose) karte samay savdhaniya
- हर्निया, आंतो के अल्सर जैसी समस्या है तो योग विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार ही करें।
- अगर घुटनों में किसी भी प्रकार की समस्या हो या सर्जरी हुई हो तो इसका अभ्यास ना करें।
- गर्भवती महिलाओं को इस आसन का अभ्यास करते समय घुटनों के बीच थोड़ा अंतर रखना चाहिए ताकि पेट पर दबाव ना आए।
- रीढ़ की समस्या से पीड़ित लोग ना करें।
वज्रासन से पहले करने वाले आसन- Vajrasana se pahle karne wale asana
अर्ध शलभासन , शलभासन
वज्रासन के बाद करने वाले आसन- Vajrasana ke bad karne wale asana
मकरासन , बालासन, शवासन
Note- वज्रासन करने के आसान टिप्स..
जो लोग पहली बार वज्रासन करते हैं तो उनके जांघों में दर्द हो सकता है इसके लिए मुद्रा को बनाए रखते हुए घुटनों में थोड़ा अंतर करें।
शुरुआत में टखनों में दर्द होने पर मुद्रा से बाहर निकले और हाथों से धीरे-धीरे पैरों को मालिश करें।
वज्रासन करते समय चुभन महसूस होने पर कंबल या एक छोटा सा तकिया पैरों के नीचे लगा सकते हैं।

वज्रासन का एडवांस पोज | Advance Pose of Vajrasana
वज्रासन का एडवांस पोज सुप्त वज्रासन है। वज्रासन में बैठकर पीछे की ओर झुक जाएं तथा कोहनियों का सहारा लेते हुए पूरी तरह लेट जाए। अब अपने हाथों को जंघाओं पर रख लें इस आसन से बवासीर के रोगी लाभान्वित होते हैं। मोटापा तथा आमाशय के विकार दूर होते हैं फेफड़ों संबंधी समस्या से भी राहत मिलती है।
इस कारण बैठी हुई अवस्था में होते हुए भी लेटी जैसी अवस्था बनने के कारण इसे सुप्त वज्रासन कहते है।
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